– लखनऊ नहीं जाएंगे सैंपल, रोजाना 100 संदिग्धों की होगी जांच, पांच घंटे में आएगी रिपोर्ट
कानपुर :- कानपुर में बढ़ते कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या को देखते हुए अब कोविड-19 की जांच भी यहीं होगी। इसके लिए गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज के हैलट अस्पताल में लैब को तैयार किया गया है और आज से यह लैब अपना काम करना शुरु कर दिया। मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ने लैब का फीता काटकर उद्घाटन किये। यहीं पर कोविड-19 हॉस्पिटल भी संचालित है और जमातियों सहित सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। मंडलायुक्त ने बताया कि हैलट अस्पताल बनी कोविड-19 टेस्टिंग लैब का शुभारंभ कर दिया गया है। सोमवार को आज इस लैब का पहला दिन है और पहले दिन 70 सैंपलों की जांच हो पाएगी। इसके बाद रोजाना यहां पर 100 सैंपल की जांच होगी। एक सैंपल की जांच रिपोर्ट करीब पांच से छह घंटे में आ जाएगी, जिससे अब डाक्टरों को रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। बताया कि अब कोरोना संभावित मरीजों के सैंपल लखनऊ नहीं भेजे जाएंगे।
मैनावती मार्ग निवासी अमेरिका से आया 70 वर्षीय बुजुर्ग कानपुर में सबसे पहले कोरोना की चपेट में आया। इसके बाद दिल्ली से आये तब्लीगी जमातियों की खोज शुरु हुई और अब तक करीब डेढ़ सौ से अधिक लोगों की जांच करायी जा चुकी है। जिनमें आठ तब्लीगी जमाती और एक उनके संपर्क में आया व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया। हालांकि इस दौरान पहला कोरोना ग्रसित बुजुर्ग सही हो गया और उसकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गयी है, लेकिन अस्पताल में अभी भी नौ कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। इसके साथ ही कानपुर में अभी भी सैकड़ों संभावित मरीज हैं और उन्हे क्वारंटाइन में रखा गया है। तो वहीं दूसरी तरफ एलआईयू इस बात की खोज कर रही है कि कोरोना पॉजिटिव तब्लीगी जमाती किन-किन लोगों के संपर्क में रहे। ऐसे में संभावना है कि कानपुर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ सकती है और रोजाना लखनऊ जांच के लिए सैंपल भेजे जा रहे थे। कानपुर में बढ़ते ऐसे मरीजों की संख्या को देखते हुए गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज के हैलट अस्पताल में इसकी जांच के लिए लैब बनाने का शासन ने निर्देश दिया। शासन के निर्देश पर हैलट में लैब को युद्ध स्तर पर तैयार किया गया और सोमवार को मंडलायुक्त डा. सुधीर एम बोबडे और जिलाधिकारी डा. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने लैब का शुभारंभ कर दिया।
आलाधिकारियों और प्रधानाचार्या का कहना
मंडलायुक्त डा. सुधीर एम बोबडे ने बताया कि शासन के निर्देश पर गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज से संबद्ध लाला लाजपत राय अस्पताल (हैलट) में कोविड-19 की जांच के लिए टेस्टिंग लैब युद्ध स्तर पर तैयार करायी गयी है। जिसका आज शुभारंभ कर दिया गया है। जिससे अब कानपुर में कोरोना संभावित मरीजों की जांच शुरु हो गयी, इस टेस्टिंग लैब में आज पहले दिन में 70 संदिग्धों के नमूनों की जांच होगी, जबकि कल से करीब 100 सैंपल्स रोज जांचें जाएंगे। जिलाधिकारी डा. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि हैलट के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की इस कोविड-19 लैब से कानपुर के आसपास के 11 जिलों को भी इससे लाभ मिलेगा। पहले जहां जांच रिपोर्ट आने में 24 से 48 घंटे लगते थे, लेकिन अब यहां से रिपोर्ट आने में पांच से छह घंटे का ही समय लगेगा। मेडिकल कालेज की प्रधानाचार्या डा. आरती लाल दवे चंदानी ने बताया कि कानपुर में अभी तक कोरोना संदिग्धों के नमूनों की जांच केजीएमयू लखनऊ से करायी जाती थी। पिछले दिनों शासन के निर्देश के बाद मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 लैब बनाकर संसाधन जुटाने की कवायद शुरु हुई। शासन के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज में टेस्टिंग लैब तैयार करायी गयी। मेडिकल कॉलेज में बनी कोविड-19 लैब से अब यहां भी कोरोना संदिग्धों की जांच की जाएगी।
गाइडलाइन के अनुसार होगी नमूनों की जांच
डा. चंदानी ने बताया कि यहां पर कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच की जाएगी, जो गाइडलाइन हैं, उन्हीं के अनुसार जांच की जाएगी। एक दिन में करीब 100 जांच मेडिकल कॉलेज की टेस्टिंग लैब में की जा सकेंगी। मंडलायुक्त को जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यहां पर 100 बेड की सुविधा है। 20 वेंटीलेटर हैं, 40 अतिरिक्त वेंटीलेटर की डिमांड शासन को भेजी गई है। आपको बता दें कि इस अस्पताल को कोरोना स्टेज 3 के लिए चिंहित किया गया है। प्रधानाचार्या ने बताया कि यहां पर ड्यूटी में तैनात सभी डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ को कोविड 19 से संबंधित ट्रेनिंग दी जा चुकी है। मंडलायुक्त ने ड्यूटी में लगे सभी कर्मचारियों का बीमा भी कराने के निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने कोविड-19 हॉस्पिटल का निरीक्षण करते हुए कहा कि किसी भी कोरोना पॉजिटिव मरीज को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। उन्होंने मरीजों से भी अपील की कि डाक्टरों के अनुसार समय से दवा लें और डाक्टरों के निर्देशों का अनुपालन करें।
प्लाज्मा के प्रभाव की होगी जांच
दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस का अब तक इलाज नहीं खोजा जा सका है। हालांकि कुछ देशों ने कोरोना से जंग जीत चुके लोगों के खून से तैयार प्लाज्मा गंभीर मरीजों में चढ़ाए, जिसके सकारात्मक परिणाम पाए हैं। अब जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ये जानने के लिए लैब टेस्ट करने जा रहा है कि प्लाज्मा इलाज में कितना कारगर है। जनरल मेडिसिन एवं ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। अनुमति के लिए कॉलेज की एथिक्स कमेटी को पत्र लिखा गया है।
नोडल सेंटर है मेडिकल कालेज
कोरोना वायरस के इलाज के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को कानपुर मंडल का नोडल सेंटर बनाया गया है। यहां सौ-सौ बेड के दो कोविड-19 अस्पताल हैं। 540 डॉक्टर, जूनियर रेजीडेंट, नॉन पीजी जूनियर रेजीडेंट, नर्सिंग स्टाफ समेत अन्य कर्मचारी मुस्तैद हैं। हालांकि संक्रमितों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है। इसे देखते हुए मेडिसिन की विभागाध्यक्ष प्रो. रिचा गिरि ने प्लाज्मा विधि पर रिसर्च का फैसला किया है। इसके लिए ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की नोडल अफसर प्रो. लुबना खान ने सहमति दे दी है। प्रो. रिचा ने बताया कि कोरोना से जंग जीतने वाले मरीजों का शरीर वायरस के प्रति एंटीबॉडी बन जाता है। ऐसे लोगों के खून से प्लाज्मा निकालकर गंभीर मरीजों को दिया जा रहा है। हालांकि यह प्रक्रिया सिर्फ समान ब्लड ग्रुप वाले मरीजों पर ही अपनाई जाती है। बताया कि कोरोना से जीत चुके मरीज वायरस के प्रति एंटीबॉडीज बन जाते हैं। कई देशों में इसके बेहतर परिणाम मिले हैं। ये कितना कारगर है लैब टेस्ट के माध्यम से ये जाना जाएगा। नोडल अफसर प्रो. लुबना खान ने बताया कि विभिन्न विभागों के साथ प्लाज्मा पर काफी काम किया है। अब मेडिसिन विभाग के साथ मिलकर कोरोना के इलाज पर काम करेंगे। अगर इसके बेहतर परिणाम रहे तो कोरोना पॉजिटिव मरीजों का बेहतर इलाज किया जा सकेगा।