मुंबई में 20 भारतीय नौसेना कर्मी कोरोना पॉजिटिव निकले

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  • आईएनएस आंग्रे, मुंबई परिसर में रहने वाले सभी लोगों को क्वारेंटाइन किया गया 

नई दिल्ली :- भारतीय नौसेना के 20 कर्मचारी कोरोना वायरस के शिकार हो गए हैं। आईएनएस आंग्रे, मुंबई परिसर में एक नाविक से बाकी लोगों में इसका संक्रमण फैला है। यह नाविक सात अप्रैल को हुई जांच में पॉजिटिव पाया गया था। इसके बाद आईएनएस आंग्रे, मुंबई परिसर में रहने वाले सभी लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है। नौसेना में एक साथ 20 कोरोना पॉजिटिव नौसैनिकों के मिलने का यह पहला मामला है। इससे पहले भारतीय थल सेना में आठ सैनिकों के कोरोना पॉजिटिव होने का मामला सामने आया था, जिसकी पुष्टि सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने शुक्रवार को ही की थी।

यह सभी 20 नौसैनिक एक भूमि आधारित शयनागार के कमरे में एक साथ रहते थे। पिछले सप्ताह आईएनएस आंग्रे, मुंबई परिसर में नौसैनिकों का कोरोना टेस्ट किया गया था जिसमें एक नौसैनिक सात अप्रैल को हुई जांच में पॉजिटिव पाया गया था। उसी से बाकी सैनिकों में भी संक्रमण फैला है। अब तक 25 नौसैनिकों की कोरोना जांच हुई है, जिसमें 20 नाविकों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। सभी को मुंबई के कोलाबा में नौसेना के अस्पताल आईएनएचएस, अश्विनी में भर्ती कराया गया है। नौसैनिकों को नेवी अस्पताल में भर्ती कराते समय इनके नाम गोपनीय रखने के लिए कहा गया है। इसके अलावा आईएनएस आंग्रे, मुंबई परिसर में रहने वाले सभी लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है।

गनीमत यह है कि अभी तक यह संक्रमण किसी भी जहाज और पनडुब्बियों में नहीं फैला है। फिर भी एहतियातन संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। भारतीय नौसेना के 20 जवान उस समय कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, जब अमेरिकी नौसेना अपने कुछ सीमावर्ती युद्धपोतों पर कोरोना वायरस के मामले बढ़ने की वजह से जूझ रही है। ऐसे समय में इसे भारतीय नौसेना के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है। अमेरिकी नौसेना में कोरोना (कोविड-19) के मामले बढ़ने पर भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने जोर देकर कहा था कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि युद्धपोतों और पनडुब्बियों जैसी परिचालन परिसंपत्तियां वायरस से मुक्त रहें और नौसेना हर समय इसके लिए तैयार रहती है। उन्होंने नौ अप्रैल को नौसैनिकों को दिए 15 मिनट के वीडियो संदेश में कहा था कि उन्हें सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करनी चाहिए। नौसेना को सबसे बुरे दौर के लिए भी योजना बनानी चाहिए। हमें सबसे खराब स्थिति के लिए भी दिमागी तौर पर तैयार रहने की जरूरत है क्योंकि यह एक लंबी लड़ाई होगी।

एडमिरल करमबीर सिंह ने अपने संदेश में यह भी कहा था कि सशस्त्र बलों ने अपने रैंकों के भीतर कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए कई उपायों का सहारा लिया है। इनमें सभी गैर-आवश्यक प्रशिक्षण, सम्मेलन और यात्रा को रद्द करना भी शामिल है। इसके अलावा ऐसे किसी भी समारोह में शामिल होने से बचने की सलाह दी गई है जहां 50 से अधिक लोग इकट्ठा हो रहे हों। इसके अलावा अधिकारियों के लिए सभी पाठ्यक्रमों को स्थगित करने के साथ ही जहां तक संभव हो, घर से काम करने के लिए कर्मियों को प्रोत्साहित किया गया है।

भारतीय नौसेना में कोरोना संक्रमण का यह पहला रिपोर्टेड केस है, जबकि थलसेना ने अब तक कोरोना वायरस के आठ पॉजिटिव केस बताए गए हैं। जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर गए सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने शुक्रवार को कहा था कि अभी तक हमारी सेना के जो जवान किसी भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं, उन्हें वापस बैरकों में ले जाया जा रहा है। इसके लिए हमने पहले ही दो विशेष गाड़ियों से बेंगलुरु से जम्मू तक और अन्य को बेंगलुरु से गुवाहाटी तक पहुंचाया है। अब तक भारतीय सेना में केवल आठ सकारात्मक मामले हैं, जिनमें से दो डॉक्टर और एक नर्सिंग सहायक हैं। अब भी 4 लोगों का उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि लद्दाख में सेना का एक जवान कोरोना से संक्रमित हुआ था लेकिन अब वह पूरी तरह से ठीक हो गया है और उसने ड्यूटी भी ज्वाइन कर ली है।