लॉकडाउन : सरकार के प्रयासों को पलीता लगा रही जमाखोर कारोबारियों की जमात

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 – बीपी, शुगर, हार्ट की दवाओं और अल्कोहल युक्त सेनेटाइजर की कमी 

गाजियाबाद :- एक तरफ कोरोना वायरस संक्रमण के चलते घोषित लॉकडाउन के दौरान जिला प्रशासन जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ लगातार सख्ती बनाये हुए है, लेकिन जमाखोर कारोबारी स्टॉक पूर्ण होने के बावजूद उसे रोके हुए हैं जिस कारण बाजार में में कुछ दवाओं व अल्कोहल युक्त सेनेटाइजर की कमी बनी हुई है और कारोबारी मुनाफाखोरी कर रहे हैं।

इस संबंध में जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय का कहना है कि जमाखोरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की हर तत्व पर नजर है जो पकड़ में आएगा, उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। 

लॉकडाउन घोषित होने के बाद जिले का तमाम प्रशासन -पुलिस व समाजसेवी संगठन पूरे सम्पर्ण भाव से अपने ड्यूटी को अंजाम देते हुए लोगों की हर परेशानी का निराकरण कराने और रहने-खाने की व्यवस्था करने में लगे हैं और इसको सफलता भी मिल रही है। इस दौरान कारोबारियों की एक जमात इससे इतर जरूरी दवाओं व अन्य आम इस्तेमाल की चीजों की जमाखोरी कर रही है जिसके कारण बाजार में शुगर, बीपी, हार्ट तथा डेटोल, सेवलॉन अल्कोहल बेस सेनेटाइजर की कमी हो गई है। 

इस शोर्टेज के कारण लोगों को या तो ये दवाइयां मिल नहीं पा रही हैं या फिर ग्राहकों से ज्यादा दाम वसूले जा रहे हैं। यह स्थिति तब है ज़बकि जिला प्रशासन इसको लेकर सख़्त रुख अपनाये हुए है । कालाबाजारी करने वाले कई कारोबारियों को गिरफ्तार कर चुका है और कई मेडिकल स्टोर संचालकों से भारी जुर्माना वसूल चुका है। 

जिला प्रशासन ने इनको पकड़ने के लिए टीम भी गठित कर रखी हैं। दवा कारोबार से जुड़े लोग बताते हैं कि कारोबारियों के पास इस समय स्टॉक की कोई कमी नहीं है, लेकिन जमाखोर प्रवृति के व्यापारियों ने माल का स्टॉक रोक रखा है ताकि बाजार में माल की कमी बनी रहे और वे मुनाफा वसूली करते रहे। वहीं कुछ मेडिकल स्टोर संचालकों का कहना है कि इस समय बाजार में किसी भी आशंका में मद्देनजर जरूरत से ज्यादा दवा खरीदकर रख रहे हैं जिसका फायदा जमाखोर उठा रहे हैं।