BUDGET : BJP नेताओं ने दिए वित्त मंत्री को अहम सुझाव, आम लोगों के लिए की ये मांगें

Share

नई दिल्ली। मोदी सरकार इस बार एक फरवरी को ऐसा बजट पेश करना चाहती है, जिसमें हर वर्ग की सहूलियतों का ध्यान रखा जा सके। इसके लिए भाजपा बजट से पहले सभी से सुझाव लेने में जुटी है। पार्टी पिछले 15 दिनों से समाज के हर वर्ग के साथ प्री बजट कंसल्टेशन बैठक के जरिए उनकी मांगों से वाकिफ हो रही है।

इस सिलसिले में गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिवों सहित सभी मोर्चा प्रभारियों और प्रवक्ताओं के साथ बैठक कर बजट से संबंधित सुझाव लिए। वित्त मंत्री ने सभी से पूछा कि वे इस बार कैसा बजट चाहते हैं? भाजपा मुख्यालय में दिन में 11 बजे से शुरू हुई यह बैठक दो घंटे से ज्यादा समय तक चली।

इस बैठक में पार्टी ने किसान, ओबीसी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति आदि मोर्चे से जुड़े नेताओं को खास तौर से बुलाया था, ताकि बजट में किसानों, अल्पसंख्यकों, एससी-एसटी आदि समुदायों की मांगों के बारे में जानकारी ली जा सके। निर्मला सीतारमण के साथ मंच पर पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी. एल. संतोष, राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव और अरुण सिंह मौजूद रहे।

उन्होंने पार्टी के सभी पदाधिकारियों से बारी-बारी से बजट को लेकर विचार साझा करने को कहा। भाजपा सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार के एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में इस बैठक में सामने आए अहम सुझावों को शामिल किया जा सकता है।

बैठक में मौजूद कुछ पदाधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि वित्त मंत्री से इस बजट में गांव, गरीब और किसान का खास ख्याल रखने की मांग की गई। इसके अलावा नौकरीपेशा वर्ग के लिए टैक्स में यथासंभव रियायत देने की भी मांग सामने आई।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पार्टी पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि बजट को अंतिम रूप देते समय उनके महत्वपूर्ण सुझावों पर अमल किया जाएगा। बता दें कि पिछले 15 दिनों के अंदर व्याापार जगत से जुड़े कई संगठनों के पदाधिकारियों के साथ भाजपा अब तक आधा दर्जन से अधिक बैठकें कर चुकी है।

भाजपा के आर्थिक मामलों के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल को पार्टी ने प्री बजट कंसल्टेशन बैठकों की जिम्मेदारी दे रखी है। यह बैठकें मोदी सरकार के निर्देश पर चल रहीं हैं। प्रधानमंत्री मोदी खुद इस मुद्दे पर अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक करने में जुटे हैं। सरकार संगठन से मिले सुझावों के आधार पर सबका साथ सबका विकास के एजेंडे के तहत आम बजट तैयार करने में जुटी है।