गाजियाबाद : उम्रकैद हुई पति को जिंदा जलाकर मारने वाली पत्नी को

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गाजियाबाद की एक अदालत ने पारिवारिक कलह के बाद युवक को जलाकर मारने के आरोप में उसकी पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हत्याकांड का दूसरा आरोपी मृतक का बेटा घटना के वक्त नाबालिग था, उसकी सुनवाई किशोर न्यायालय में चल रही है। अभियुक्तों पर 12 हजार रुपये का जुर्माना भी सुनाया गया है।

लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र के इंदिरापुरी कॉलोनी में दो वर्ष पहले यह वारदात हुई थी। घनश्याम नामक युवक को घर में ही तेल छिड़ककर जला दिया गया था। अस्पताल में मौत हो गई थी। अपर जिला जज-13 चंद्रभान सिंह की अदालत से इस मामले में अंतिम सुनवाई की गई। अदालत ने पुख्ता साक्ष्यों और गवाही के आधार पर घनश्याम की नृशंस तरीके से की गई हत्या में आरोपी पत्नी मुनेश को दोषी ठहराया। अभियुक्त महिला को उम्रकैद की सजा और 12 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया गया। 

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बिशंभर सिंह ने बताया कि लोनी बॉर्डर क्षेत्र की इंदिरापुरी कॉलोनी में घनश्याम परिवार समेत रहता था। कॉलोनी से अलग उसने प्लॉट खरीद रखा था। उस प्लॉट को बेचने को लेकर पति-पत्नी में विवाद रहता था। 

घटना के दिन 23 अक्तूबर 2017 को भी पति घनश्याम और पत्नी मुनेश उर्फ बबली के क्लेश हुआ था। बात ज्यादा बढ़ गई। तो नोकझोंक हुई। इसी बीच विवाद मुनेश ने अपने बेटे को साथ लिया और मिट्टी का तेल लेकर घनश्याम के ऊपर डाल दिया। फिर आग लगा दी। शरीर में आग फैलने पर घनश्याम की चीख-पुकार सुन आस पड़ोस के लोग आ गए। लोगों ने किसी तरह आग को बुझाया। घटना की जानकारी पुलिस को दी। 

लोगों ने पुलिस की मदद से गंभीर रूप से आग से झुलसे घनश्याम को दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में उपचार के दौरान घनश्याम की मौत हो गई थी। 

अधिवक्ता ने बताया कि मृतक के परिजनों थाने में जलाकर मारने का आरोप लगाकर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। रिपोर्ट में मृतक की पत्नी मुनेश उर्फ बबली तथा उसके नाबालिग बेटे को नामजद कराया था। नाबालिग आरोपी के मामले की सुनवाई किशोर न्यायालय में चल रही है।  अदालत ने सि मामले में 12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।