Unauthorised colonies of Delhi: दिल्ली में विधानसभा चुनाव की आहट से राजनीति गर्मा गई है। सभी पार्टियां जोर शोर से दिल्ली से जुड़े मुद्दे उठा रही हैं। इसी कड़ी में भाजपा के अनधिकृत कॉलोनी के रजिस्ट्रेशन पर कांग्रेस हमलावर हो गई है।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने अनधिकृत काॅलोनियों के 20 लोगों को मालिकाना अधिकार देने संबंधी कागजातों को राजनीतिक स्टंट करार दिया है। उन्होंने कहा कि इन कॉलोनियों के मुद्दे पर चौतरफा घिरी भाजपा और आप को इस चक्रव्यूह से निकलने का रास्ता नहीं मिल रहा है। इसलिए 20 लोगों को धोखा पत्र बांटकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
चोपड़ा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछा कि वे दिल्ली की जनता को बताएं कि क्या यह सत्य नहीं है कि केंद्र सरकार द्वारा मालिकाना हक देने व कॉलोनियों के नियमन संबधी दोनों अधिसूचनाओं की शर्तो को बकायदा दिल्ली सरकार ने स्वीकृति प्रदान की है, जिसके दस्तावेज प्रदेश कांग्रेस के पास मौजूद हैं?
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार यह भी बताए कि मालिकाना अधिकार देने के नाम पर जो पैसा लोगों से वसूला जाएगा, उसकी दिल्ली सरकार ने मंजूरी क्यों दी है? यही नहीं दिल्ली सरकार ने खेती की जमीन को सरकारी जमीन बनाने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।
मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने कहा कि केंद्र व दिल्ली सरकार यह बताए कि क्या यह सच नहीं है कि इन 20 लोगों से जिनके छोटे मकान हैं, एक लाख रुपये प्रति मकान डीडीए ने अधिकृत रूप से वसूले हैं? जिन 20 लोगों को डीडीए द्वारा स्लिप जारी की गई है, उनमें कृषि योग्य जमीन पर बने मकानों के मालिकों से यह रुपये वसूले गए।
इसके साथ ही रजिस्ट्री कराते समय अलग से स्टाम्प ड्यूटी भी उन्हें देनी पड़ी है। यही नहीं अब भाजपा और आम आदमी पार्टी एक दूसरे पर दोषारोपण कर खुद को सही साबित करने में जुटी हुई हैं। जबकि, यह दोनों दल एक ही जैसे हैं।