नोएडा। उत्तरप्रदेश में अपने सबसे बड़े संकटकाल से गुजर रही कांग्रेस के लिए एक ओर खेवनहार के रूप में प्रियंका वाड्रा गांधी काम कर रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर नोएडा के कांग्रेसी प्रियंका वाड्रा की दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की राह पर चल निकले हैं। कांग्रेस के नोएडा महानगर अध्यक्ष शहाबुद्दीन ने पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक फरमान जारी करते हुए कहा है कि भविष्य में महानगर में कांग्रेस की बैठकों में वीआइपी कल्चर नहीं चलेगा। पदाधिकारी किसी भी स्तर के हों, लेकिन पार्टी कार्यालय पर होने वाली मीटिंग में उन्हें जमीन पर ही बैठना होगा। महानगर अध्यक्ष का मानना है कि इंदिरा गांधी की राह पर लौटने से ही नोएडा में कांग्रेस का भला होगा।
यहां पर बता दें कि शहाबुद्दीन को हाल में ही नोएडा महानगर कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है। सेक्टर 10 में उन्होंने अपना कार्यालय बनाया है। बुधवार को उन्होंने छठ पूजा की तैयारियों में आने वाली समस्याओं के संबंध में पार्टी पदाधिकारियों संग बैठक की। इस दौरान कार्यालय पर 90 के दशक की कांग्रेस की झलक दिखी। बैठक के बाद शहाबुद्दीन ने कहा कि जनसमस्याओं के निस्तारण के लिए वह जमीनी स्तर पर काम करेंगे। अभी स्थानीय स्तर पर नेताओं पर वीवीआइपी कल्चर हावी है। इसे खत्म करने के लिए ही शीर्ष नेतृत्व ने जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को जिला स्तर पर बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इंदिरा कार्यकर्ताओं के बीच भेद नहीं करती थीं। प्रियंका वाड्रा भी उसी राह पर चल रही हैं। सभी मिलकर समान विचारधारा के साथ काम करेंगे, तभी पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। लोगों के साथ बिना भेदभाव के बैठेंगे तभी लोग संगठन से जुड़ेंगे। यही कारण है कि महानगर कांग्रेस में यह नई परंपरा शुरू की गई है।
गौतमबुद्ध नगर में जिला व महानगर अध्यक्षों की ताजपोशी को पंद्रह दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक दोनों जगह संगठन कमेटियों का गठन नहीं हो पाया है। महानगर अध्यक्ष शहाबुद्दीन ने बताया कि प्रदेश स्तर पर जिला प्रभारियों की नियुक्ति होने जा रही है। बृहस्पतिवार को प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार सिंह लल्लू के साथ प्रदेश के संगठन पदाधिकारियों की बैठक में जिला प्रभारी तय हो जाएंगे। इन प्रभारियों के निर्देशन में ही जिला व महानगर कमेटियों की रूपरेखा तैयार होगी।