ग्रेटर नोएडा। अगर सबकुछ ठीक रहा और योजनाओं पर अमल होता रहा तो अगले कुछ सालों में नोएडा, ग्रेटर नोएडा से दिल्ली और गाजियाबाद का सफर बहुत आसान हो जाएगा। एक तरफ जहां समय की बचत होगी, वहीं पैसा भी बचेगा।
मालूम हो कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच एक्वा लाइन मेट्रो का संचालन हो रहा है, लेकिन मेट्रो को भरपूर सवारी नहीं मिल पा रही हैं। मेट्रो की सुविधा के बाद ग्रेटर नोएडा में विकास एवं बसावट को लेकर जो उम्मीद लगाई गई थी, वह भी पूरी नहीं हुई है। इसकी वजह ब्लू लाइन मेट्रो से एक्वा मेट्रो का जुड़ाव न होना व अधिक समय और किराया है।
एक्वा मेट्रो के लिए यात्रियों का टोटा दूर करने एवं दिल्ली से ग्रेटर नोएडा को मेट्रो से सीधे कनेक्टिविटी के लिए सेक्टर 142 से बोटेनिकल गार्डन के बीच लाइट मेट्रो के संचालन की योजना है। लेकिन प्राधिकरण इसके लिए पूरी तरह से सहमत नहीं है।
दरअसल लाइट मेट्रो का संचालन होने से यात्रियों को सेक्टर 142 में एक्वा लाइन को छोड़कर लाइट मेट्रो में बैठना होगा। बोटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन पर लोगों को एक बार फिर लाइट मेट्रो छोड़कर ब्लू या मजेंटा लाइन मेट्रो लेनी होगी। कुछ किमी की दूरी में बार-बार मेट्रो बदलने की वजह से लोग लाइट मेट्रो को नकार सकते हैं।
वहीं एलिवेटिड ट्रैक से जुड़ने पर एक्वा लाइन मेट्रो को बिना बदले लोग बोटेनिकल गार्डन तक पहुंच सकेंगे। इससे दिल्ली की ओर आने जाने वालों को सबसे अधिक फायदा होगा, उनके समय की बचत होगी। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को मेट्रो से कनेक्टिविटी देने के लिए जो व्यवहारिक रिपोर्ट तैयार की गई है। उसके तहत नॉलेज दो पार्क मेट्रो स्टेशन से एयरपोर्ट को जोड़ा जाएगा।
अगर एक्वा लाइन की ब्लू या मजेंटा लाइन से कनेक्टिविटी नहीं हुई तो जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली से मेट्रो के जरिये जोड़ने की योजना में पेंच फंस जाएगा। दिल्ली से एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी के लिए कम समय व सुविधाजनक परिवहन के विकल्प की तलाश की जा रही है। जिसमें मेट्रो भी एक अहम विकल्प है।