क्या है ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान ? जानिये ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के बारे में सबकुछ

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नई दिल्ली। बहुत लोगों ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के बारे में तमाम खबरें पढ़ी होंगी मगर बहुत कम लोग ही इसका गूढ़ मतलब जानते हैं। तो आइये जानते हैं ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का पूरा सच।

दरअसल दिल्ली में प्रदूषण के ख़राब स्तर को देखते हुए आपातकालीन प्रदूषण योजना शुरू की गयी है। इस योजना को “ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान” (GRAP) नाम दिया गया है। इस एक्शन प्लान को दिल्ली में वायु को गुणवत्ता को सुधारने के लिए शुरू किया गया है। इस एक्शन प्लान के अनुसार जैसे-जैसे दिल्ली में वायु स्तर की गुणवत्ता ख़राब होती जायेगी, वैसे-वैसे अधिक प्रभावशाली कदम उठाये जायेंगे, यह कदम क्रमबद्ध रूप से उठाये जायेंगे। दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कूड़े को जाने पर प्रतिबन्ध, सड़कों की मेकेनाइज्ड सफाई, अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर रोक तथा प्रदूषण की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाने के लिए ट्रैफिक पुलिस को तैनात करना शामिल है।

दरअसल, जब पीएम-2.5 की मात्रा 121 से 250 और पीएम-10 की मात्रा 351 से 430 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर के बीच दर्ज हो तो इसे बेहद खराब हालात बताया गया है। ठंड बढ़ने के साथ-साथ दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगता है जिसे लेकर प्रशासन रणनीति तैयार करने में जुट जाता है। ऐसा ही प्रयास तब किया गया था जब पूर्वी दिल्ली के मंडोली इलाके में निर्धारित मात्रा से ज्यादा कार्बन का उत्सर्जन करने वाले फैक्ट्रियों को सील करने की योजना बनाई गई थी।

नासा द्वारा जारी सैटेलाइट चित्रों से ज्ञात हुआ है कि पंजाब और हरियाणा में बड़े स्तर पर कृषि अवशेष को जलाने की गतिविधि काफी अधिक है। दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण फसलों के अवशेष को जलाना है। अक्टूबर तथा नवम्बर के दौरान पंजाब तथा हरियाणा में धान की फसल के अवशेष को जलाया  जाता है। इन अवशेषों के जलने वाला धुआं जब धुंध में मिल जाता है तो इससे स्मोग का निर्माण होता है। यह ज़हरीली हवा दिल्ली में शीतऋतू में काफी प्रभावशाली होती है।

इस प्लान में वायु प्रदूषण के स्तर के हिसाब से किन-किन चीजों पर पाबंदी लगाई जाएगी और उसका पालन कौन कराएगा इस बात का जिक्र है। इस प्लान का मतलब ये है कि एयर क्वालिटी जितनी खराब होती जाएगी ग्रैप के हिसाब से उतने कड़े कदम उठाये जाएंगे। पिछली साल दिल्ली में वायु प्रदूषण के 400 के स्तर को पार कर जाने के बाद ‘सीवर’ श्रेणी लागू कर दिया गया था। ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के ‘सीवर प्लस’ या आपातकालीन श्रेणी वाला यह एक्शन प्लान 12 जनवरी 2017 से लागू है।

अब प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए 15 अक्टूबर 2019 से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) फिर से लागू कर दिया जाएगा। यह 15 मार्च तक लागू रहेगा।प्रदूषण स्तर के अति गंभीर होने की स्थिति में दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी तथा अतिरिक्त निर्णय लेने जैसे स्कूलों को बंद करने जैसे फैसले लेने के लिए टास्क फ़ोर्स का गठन किया जायेगा।