नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का मामला गरमाया रहा। खास कर कांग्रेस पार्टी को लगता था कि इसी मुद्दे के सहारे वह पीएम नरेंद्र मोदी का तख्ता पलट कर देगी। लेकिन चुनाव के परिणाम कांग्रेस के लिए ही बड़ा झटका साबित हुए। यहां तक कि कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी को भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। भारत ने 8 अक्टूबर को फ्रांस से पहला राफेल विमान हासिल किया। लेकिन इसके दो दिनों के ही भीतर भारत को फ्रांस से एक और जोरदार प्रस्ताव मिला है। जिससे विपक्षी दल हैरान रह जाएंगे।
राफेल लड़ाकू विमान के इंजन बनाने वाली फ्रांस की एयरोस्पेस कंपनी सफरान ने भारत में ही इसके स्वदेशी इंजन बनाने के लिए मदद की पेशकश की है। कंपनी ने इसके लिए बाकायदा एक प्रस्ताव रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के पास भेजा है। एयरोस्पेस कंपनी सफरान के सीईओ ओलिवियर एंड्रीज ने कहा कि भारत में ही राफेल के स्वेदशी इंजन तैयार किए जा सकते हैं। इसके लिए वह टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने को तैयार है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफरान के कारखाने का दौरा किया था। डीआरडीओ हमारे द्वारा भेजे गए प्रस्ताव का अध्ययन कर रहा है। हम टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करना चाहते हैं। इससे भारत में पहले स्वदेशी लड़ाकू विमान इंजन का रास्ता तैयार हो सकता है। मिराज जेट विमान में भी इसी कंपनी के एम-53 वेरिएंट का इंजन का इस्तेमाल किया जाता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक प्रजेंटेशन के द्वारा कारखाने के कामकाज को बताया गया। अगर प्रस्ताव कारगर हुआ तो इससे मेक इन इंडिया को तेजी मिलेगी। इसका मतलब यह है कि भारत इस इंजन को बनाकर विदेश में निर्यात भी कर सकता है। फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने भारत को राफेल सौंपे जाने के कार्यक्रम के बाद कहा था कि हम मेक इन इंडिया नीति का समर्थन करेंगे। हमें भविष्य की बात करनी चाहिए। यह सिर्फ एक लड़ाकू विमान हासिल करने का मसला नहीं बल्कि सैन्य साझेदारी को बेहतर करने का मामला है। हम आपकी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपना पूरा प्रयास करेंगे।
इस बात के लिए भी अध्ययन किया गया है कि भारत में बनने वाले हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए स्वेदशी इंजन बनाने में सफरान से किस तरह की मदद ली जा सकती है। भारत और फ्रांस में लगातार प्रतिरक्षा रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश हो रही है। लंबे इंतजार के बाद भारत को पहला फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल मिला है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को शस्त्र पूजा करने के साथ ही दसॉ कंपनी से पहले राफेल विमान को रिसीव किया। हालांकि, भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने में राफेल विमान को अभी लंबा वक्त लगेगा, क्योंकि अभी तो भारतीय वायुसेना के जवानों की ट्रेनिंग शुरू होगी। भारत फ्रांस से कुल 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद रहा है।