कबाड़ में बेची कार, 3 साल बाद भरना पड़ा 1.40 लाख रुपये टैक्स

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नोएडा। तीन साल पहले 20 हजार रुपये में कबाड़ में बेची गई कॉमर्शियल नंबर की कार का एक व्यक्ति को 1.40 लाख रुपये रोड टैक्स जमा करना पड़ा है। कार मालिक ने परिवहन विभाग में कार का पंजीकरण रद्द नहीं कराया था। एआरटीओ प्रशासन के मुताबिक कार मालिक ने नोटिस का भी जवाब नहीं दिया था। घर पर जब वसूली नोटिस चस्पा हुआ, तब कार मालिक परिवहन विभाग में पहुंचा।

एआरटीओ प्रशासन एके पांडे ने बताया कि वाहन बेचने, किस्त न जमा करने पर बैंक द्वारा वाहन को ले जाने, कबाड़ में वाहन देने, वाहन का इस्तेमाल न करने और चोरी होने पर इसकी सूचना परिवहन विभाग में देनी अनिवार्य है। लेकिन वाहन मालिक इसकी जानकारी विभाग में नहीं दे रहे हैं। कॉमर्शियल वाहनों का रोड टैक्स हर तीन माह पर जमा करना होता है।

विभाग में सूचना न देने के कारण वाहन पर रोड टैक्स बनता जाता है। वाहन मालिक ने कार का चेचिस नंबर और कबाड़ी को बेची गई कार की रसीद विभाग में जमा करके कार का पंजीकरण नंबर नहीं निरस्त कराया था, जिसके कारण रोड टैक्स बनता रहा। उन्होंने बताया कि यदि वाहन बेच रहे हैं तो परिवहन विभाग में वाहन का ट्रांसफर जरूर कराएं। ऐसा न करने पर वाहन मालिक के नाम ही रोड टैक्स बनेगा। वाहन यदि कबाड़ में बेच रहे हैं तो चेचिस नंबर और रसीद परिवहन विभाग में जमा कर पंजीकरण जरूर रद्द कराएं। किस्त न जमा होने पर बैंक वाहन को जब्त कर रहा है या गाड़ी चोरी हो गई है तो इसकी जानकारी विभाग में दें।