गोरखपुर। भारत में ब्रिटेन की एक दिन की उच्चायुक्त बनकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा से गोरखपुर का मान बढ़ाने वाली आयशा खान के घर शिवपुर शहबाजगंज में खुशी का माहौल है। आयशा भारत में एक दिन के लिए ब्रिटेन की उच्चायुक्त बनीं। आयशा ने ब्रिटिश उच्चायुक्त के सरकारी आवास पर कहा कि यह कामयाबी वास्तविक सपने के सच होने जैसा है।
दरअसल अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर ब्रिटिश उच्चायोग 18 से 23 साल की लड़कियों के लिए एक दिन का ब्रिटिश उच्चायुक्त बनने की प्रतिस्पर्धा आयोजित करता है। इसकी विजेता को बकायदा उच्चायोग में पूरे दिन हाई कमिश्नर की कुर्सी पर बिठाने से लेकर काम को अंजाम देने का मौका दिया जाता है। आयशा को भी चार अक्टूबर को एक दिन के लिए उच्चायुक्त बनने का मौका मिला तो उन्होंने उच्चायोग के अंदर बैठकें करने के बाद कुछ बाहरी समारोहों में भी भाग लिया।
गोरखपुर शहर के शिवपुर शहबाजगंज की रहने वाली आयशा ने कहा कि केवल महानगरों की ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों और कस्बों की लड़कियों में भी बड़े मुकाम छूने का जज्बा और क्षमता है। इन लड़कियों को तलाश है तो बस मौके की जो उन्हें अभी कम मिल पाते हैं।
एक दिन के लिए ब्रिटिश उचायुक्त बनने वाली आयशा की मां गृहणी हैं। पिता जुनैद अहमद खान पूर्वांचल बैंक जैतपुर गोरखपुर में ब्रांच मैनेजर हैं। दादा समशुल हक खान पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर स्थित वाणिज्य विभाग में इंस्पेक्टर के पद से रिटायर्ड हैं। वह आयशा को शुरू से ही पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते रहे। बड़ी बहन जुवेरिया खान डेंटिस्ट हैं, जो वर्तमान में दुबई में है।
आयशा इस लिहाज से खुद को काफी खुशकिस्मत मानती हैं कि गोरखपुर जैसे शहर की पृष्ठभूमि में भी उनके माता-पिता ने पढ़ाई लिखाई की पूरी सुविधा और आजादी दी। खासकर उनके दादा ने बेहद प्रोत्साहित किया और इसीलिए परिवार ने दिल्ली विश्वविद्यालय के खालसा कालेज में पढ़ने के लिए भेजने में आनाकानी नहीं की।