विशाखापत्तनम। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत 2 अक्टूबर से हो रही है। दोनों टीमों के बीच पहला मैच बुधवार को विशाखापत्तनम में खेला जाएगा। स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ साउथ अफ्रीका की टीम हमेशा से मुश्किल में रहती है और भारतीय टीम अफ्रीकी टीम की इसी कमजोरी को निशाना बनाएगी।
वाइजग के मैदान के इतिहास को देखें तो मजबूत भारतीय टीम के खिलाफ साउथ अफ्रीका के सामने सबसे बड़ी चुनौती स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ होगी। भारतीय टीम ने विशाखापट्नम में अपना आखिरी टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था, जिसमें भारतीय स्पिन तिकड़ी रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और जयंत यादव ने मिलकर कुल 15 विकेट लिए थे।
इस मैच में इंग्लैंड के बल्लेबाजों को भारतीय स्पिन गेंदबाजों को खेलना काफी मुश्किल भरा रहा था। इस मैच में भारतीय टीम तीन स्पिनर्स के साथ मैदान पर उतरी थी जिसने कुल मिलाकर 245 ओवर की गेंदबाजी की थी। भारत के खिलाफ इस मुकाबले में इंग्लैंड के स्पिन गेंदबाज मोइन अली और आदिल ने दोनों पारियों को मिलाकर कुल 10 विकेट हासिल किए थे।
हालांकि, साउथ अफ्रीका की टीम इस पिच के मिजाज और भारतीय स्पिन गेंदबादों की क्षमता दोनों से बखूबी परिचित है। यही कारण है कि टीम में अमोल मजूमदार जैसे बल्लेबाज को शामिल किया गया है जो स्पिन गेंदबाजों को अच्छा खेलते हैं।
इशांत शर्मा के नाम टेस्ट क्रिकेट में 278 विकेट हैं। शर्मा ने वेस्ट इंडीज में अच्छी गेंदबाजी की थी। वह अब लय में नजर आने लगे हैं। शायद जिम्मेदारी बंटने से वह खुलकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं शमी गेंद पुरानी होने के बाद काफी खतरनाक हो जाते हैं। रिवर्स स्विंग उनका मुख्य हथियार है। और जिस रफ्तार पर शमी बोलिंग करते हैं रिवर्स स्विंग और भी खतरनाक बन जाती है।
तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की चोट टीम इंडिया के लिए जरूर परेशानी लेकर आई है। उनके स्थान पर उमेश यादव को टीम का हिस्सा बनाया गया है। हालांकि मोहम्मद शमी और इशांत शर्मा ने साउथ अफ्रीका में बहुत अच्छी गेंदबाज की।
स्पिन गेंदबाजी की बात करें तो अश्विन और जडेजा भारतीय विकेटों पर कारगर होंगे। रोहित शर्मा को केएल राहुल के स्थान पर बतौर ओपनिंग बल्लेबाज अपनाया जाएगा। हालांकि बोर्ड प्रेसिडेंट इलेवन की ओर से खेलते हुए रोहित जहां बतौर ओपनर खाता भी नहीं खोल पाए वहीं केए राहुल ने विजय हजारे ट्रोफी में कर्नाटक की ओर से शानदार सेंचुरी लगाई।
बात करें साउथ अफ्रिका की तो साउथ अफ्रीका के पास हाशिम अमला और एबी डी विलियर्स जैसे बड़े नाम नहीं हैं। ऐसे में युवा टीम में हेनरिच क्लासेन, जुबायर हमजा को अपने खेल से कप्तान डु प्लेसिस का साथ देना होगा। जहां तक तेज गेंदबाजी का सवाल है मेहमान टीम का यह पक्ष मजबूत नजर आता है। टीम में कागिसो रबाडा, लुंगी गिडी, वर्नोन फिलैंडर और एनरिच नॉर्त्जे जैसे गेंदबाज हैं।
एक नज़र आंकड़ों पर डालें तो भारत और साउथ अफ्रीका के बीच कुल 36 टेस्ट मैच खेले गए हैं। इसमें से साउथ अफ्रीका ने 15 और भारत ने 11 मैच जीते हैं। 10 मैच ड्रॉ रहे हैं। अब देखते हैं कि इस शृंखला में ताज किसके सर सजता है।