डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच अब तनाव में कमी आई है. वाशिंगटन में उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच दो सप्ताह पहले जिस तरह की कटुता देखने को मिली थी उसमें अब कमी आई है. इसके साथ ही ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का ऑफर एक बार फिर से दोहराया है. हालांकि उन्होंने कहा है कि वे किसी तरह की मध्यस्थता या मदद तभी करेंगे जब दोनों ही देश इसके लिए राजी हों. ट्रम्प का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब उन्होंने दो हफ्ते पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से G-7 सम्मेलन से इतर 26 अगस्त को मुलाकात की थी.
सोमवार को ट्रंप ने वॉइट हाउस में मीडियाकर्मियों से कहा, ‘आप जानते हैं कि कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान में टकराव है। मेरा मानना है कि 2 सप्ताह पहले जितना तनाव था उसमें अब कमी आई है।’ जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को भारत सरकार द्वारा निष्प्रभावी किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। गौरतलब है कि बीती जुलाई में जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान अमरीका गए थे तब ट्रंप ने उनसे मुलाक़ात के दौरान कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की थी लेकिन भारत ने तुरंत उसे ख़ारिज कर दिया था. भारत ने कहा था कि यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है. हालांकि तब ट्रंप ने यह दावा किया था कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे मध्यस्थता करने के लिए कहा था. भारत ने इस दावे को भी ख़ारिज कर दिया था.
भारत की तरफ से यह स्पष्ट किया जा चुका है कि मध्यस्थता का कोई सवाल ही नहीं है। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से पहले ट्रंप से इसी तरह का बयान दिया था। लेकिन भारत की संसद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि यह ऐतिहासिक सच है कि कश्मीर, भारत का आंतरिक मामला है और इसमें किसी तीसरे देश की दखल को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। दरअसल ट्रंप ने जापान में पीएम मोदी से मुलाकात का हवाला देते हुए कहा था कि पीएम मोदी, कश्मीर के विषय पर अमेरिकी मध्यस्थता चाहते हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति के आकलन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, ‘मुझे दोनों देशों का साथ बहुत अच्छा लगता है। मैं उनकी मदद करना चाहता हूं, यदि वे चाहें। वे जानते हैं कि उनके सामने यह प्रस्ताव है।’