डायरी से बंधी परिजनों की बेटे को न्याय दिलाने की आस, पुलिस 22 दिन बाद भी खाली हाथ

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गाजियाबाद। गोविंदपुरम में किराना कारोबारी के घर में घुसकर लूटपाट और विरोध पर उनके इकलौते बेटे की हत्या के मामले में पुलिस 22 दिन बाद भी खाली हाथ है। दरअसल गोविंदपुरम रामबाग निवासी हरवंशलाल धवन घर के पास मौजूद किराना की दुकान करते हैं। उनका इकलौता बेटा पंकज धवन (32) नोएडा की कंपनी में फार्मासिस्ट था। गत 29 अगस्त को रात की ड्यूटी करकेवह शुक्रवार सुबह घर पहुंचा और खाना खाकर सो गया।

सुबह करीब 11 बजे मां ऊषा घर में बाहर के गेट पर ताला लगाकर पति को खाना देने चली गईं। दोपहर ढाई बजे लौटने पर ताला बाहर से कटा था। अंदर देखा तो पंकज बेड पर लहूलुहान पड़ा था और घर में रखे 8.5 के जेवरात व 50 हजार रुपये गायब थे। पंकज ने शनिवार दोपहर यशोदा अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

घटना के खुलासे के लिए पुलिस की तीन टीमें गठित की गई थीं, लेकिन 22 दिन बाद पुलिस बदमाश पकड़ना तो दूर, उनके बारे में सुराग तक नहीं लगा सकी है। हालांकि, कमरे की तलाशी के दौरान परिजनों को एक डायरी में मिली है, जिसमें मृतक युवक ने कुछ महत्वपूर्ण बातें लिख रखी हैं। परिजनों का मानना है कि डायरी से पुलिस को अहम सुराग मिल सकते हैं, लिहाजा वह शनिवार को उसे पुलिस के हवाले करेंगे।

ऐसे मिली डायरी :
हरवंशलाल का कहना है कि उनका बेटा डायरी लिखता था, यह उन्हें पता नहीं था। हरवंशलाल ने बेटे का अंतिम संस्कार व रस्म क्रिया पैतृक गांव में ही की थी। चार दिन पहले जब वो जरूरी काम से गाजियाबाद आए और पंकज के कमरे की तलाशी ली तो उसमें एक डायरी मिली। यह डायरी पंकज द्वारा ही लिखी हुई थी। डायरी को कमरे में ही रखकर वह पानीपत लौट गए थे।कमरे से मिली डायरी में उसने शादी से दो माह बाद के हालातों का जिक्र किया है।

हरवंशलाल का कहना है कि वो शनिवार को उक्त डायरी पुलिस को सौंपेंगे। उनका मानना है कि डायरी से पुलिस को कुछ क्लू मिल सकते हैं जिससे उनके बेटे के हत्यारों का पता लग सकता है। अब डायरी ही आखिरी उम्मीद है।