नोएडा। अब शहर की सभी सड़कें प्लास्टिक कचरे से बनेंगी। सड़क बनाने वाली सामग्री में 8 प्रतिशत मोडिफाइड प्लास्टिक मिलाकर इसके निर्माण कार्य में उपयोग किया जाएगा। इससे सड़क की मजबूत रहेगी। पहले चरण में ट्रायल के तहत सेक्टर-14ए से फिल्म सिटी फ्लाईओवर तक दोनों ओर 2.6 किलोमीटर सड़क बनाकर पहली बार प्लास्टिक कचरे का उपयोग किया गया। इसमें 6 टन प्लास्टिक कचरे का उपयोग किया गया।
सीएसआईआर की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अंबिका बहल का कहना है कि केंद्र सरकार ने यूं तो नवंबर 2015 में ही एक आदेश के जरिए रोड डेवलपर्स को प्लास्टिक का कचरा इस्तेमाल करने को कहा है, लेकिन अभी तक इस पर अमल नहीं हो पाया है। असल में, स्थानीय निकाय प्लास्टिक कचरे को अन्य कचरे से अलग कर मुहैया नहीं करा पा रहे हैं।
आपको बता दें कि 60 माइक्रोन तक की मोटाई वाले प्लास्टिक कचरे को री-साइकिल भी नहीं किया जा सकता। ऐसे में इस तरह के प्लास्टिक कचरे को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर सड़क निर्माण के लिए तैयार होने वाली सामग्री डालकर इसका इस्तेमाल किया जाएगा। सड़क निर्माण में इस समय जिस मशीनरी का उपयोग हो रहा है, उसी का इस्तेमाल करते हुए प्लास्टिक कचरे से सड़क बनाई जा सकती है। इसमें सिर्फ प्लास्टिक कचरे को काटने के लिए स्रेडिंग मशीन में डालना होगा। बाकी सारी मशीनरी पहले वाली ही होगी।
इससे पहले AAI ने प्लास्टिक कचरे का शानदार जुगाड़ निकालते हुए देश के एयरपोर्ट की सिटी साइड सड़क निर्माण के लिए इनका इस्तेमाल करने का फैसला किया था। इनमें चेन्नई को भी शामिल किया गया था क्योंकि वहां से पर्याप्त मात्रा में कचरा निकलता है। गौरतलब है कि उस वक़्त एएआई ने अपने एक कार्यक्रम में मदुरै के एक्सपर्ट्स को बुलाया था जो प्लास्टिक कचरे से सड़क निर्माण में करने में विशेषता रखते हैं। इसी के बाद एयरपोर्ट के बाबत यह फैसला लिया गया था।
अब योजना के मुताबिक जो घरेलू कचरा इकट्ठा किया जा रहा है। उसमें से प्लास्टिक कचरे को निकाला जाएगा। इसके लिए कचरा चुनने वालों का सहयोग लिया जाएगा। इसके बदले उनको पारिश्रमिक भी दिया जाएगा। इसके अलावा चुनकर अलग किए गए प्लास्टिक को रिसाइकिल करने का काम किया जाएगा। इसके बाद उपयोग सड़क निर्माण में किया जाएगा।