गाजियाबाद। ग़ाज़ियाबाद से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है जहां खुद को यूपी पुलिस में दरोगा बताकर एक लड़की के ३ दिन तक पुलिस लाइंस में रहने का मामला सामने आया है। हैरान करने वाली बात यह है कि बिना आमद कराए उसने महिला सिपाही बैरक में भी रहना शुरू कर दिया और पुलिस अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। खबरें हैं कि युवती के साथ एक अधेड़ भी आया था, जिसे वह अपना पिता बता रही थी। सच्चाई तो तब खुली जब बैरक में उसकी गतिविधियां देखकर प्रतिसार निरीक्षक (आरआइ) को मामले की जानकारी दी गई। कविनगर थाना पुलिस ने आरोपी युवती व अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है और उसे हिरासत में ले लिया है।
एसपी सिटी श्लोक कुमार के अनुसार युवती की पहचान 21 वर्षीय प्रभजोत कौर के रूप में हुई है, वह रामपुर के बिलासपुर की रहने वाली है। बुधवार शाम युवती पुलिस लाइंस में रघुवेंद्र नाम के व्यक्ति के साथ आई थी, जिसे वह अपना पिता बता रही थी। प्रभजोत ने खुद को दरोगा बताते हुए कहा कि वह मुरादाबाद से यहां ट्रांसफर हुई है और विजयनगर थाने में तैनाती मिली है। जब पुलिसकर्मियों को इस पर अचंभा हुआ कि दरोगा सिपाही की बैरक में है और तैनाती मिलने पर भी पूरा दिन लाइंस में ही रहती है तो तफ्तीश शुरू हुई। आरआइ एमपी सिंह ने संबंधी दस्तावेज खंगाले तो पता चला कि इस नाम से किसी दरोगा की आमद नहीं हुई थी।
बस फिर क्या था,अगले दिन आरआरआई उसकी बैरग में गए। वहां उन्हे न तो आईडी मिली, न ही वर्दी पर पीएनओ था। बाअद में जब कविनगर थाना पुलिस पहुंची तो प्रभजोत ने खुद को 2015 बैच का दरोगा बताते हुए कहा कि उसे कॉल आई थी। दस्तावेज बाद में आएंगे। दस्तावेजों के नाम पर 2016 में यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती के लिए किए आवेदन का प्रिंटआउट ही दिखा पाई। आइटीआइ का भी सर्टिफिकेट दिखाया और कहा कि एनसीसी में लंबे समय तक रही है। फिलहाल धोखाधड़ी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर प्रभजोत को जेल भेज दिया गया है। मामले की जांच जारी है।