अब स्पीड गवर्नर की मदद से एक क्लिक में खुलेगी वाहन मालिक की पूरी ‘कुंडली’, ओवर स्पीड पर लगेगा ‘ऑनलाइन ब्रेक’

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गाजियाबाद। यातायात के नियमों की सख्ती के साथ अब परिवहन विभाग कमर्शियल गाडि़यों की रफ्तार पर भी लगाम कसेगा. इसके तहत अब तक स्पीड गवर्नर के नाम पर होने वाला खेल अब वाहन चालक नहीं कर सकेंगे यानी वाहनों में लगने वाले स्पीड गवर्नर का डाटा अब ऑनलाइन होगा। स्पीड गवर्नर को 16 अंकों का यूनिक नंबर मिलेगा। यह नंबर संबंधित वाहन पर लिखा होगा। इस नंबर को आप ऑनलाइन डालकर चेक करेंगे तो वाहन का सारा रिकार्ड खुल जाएगा।

बताते चलें कि बाकायदा प्रदेश में 35 कंपनियों को इसका ठेका दिया गया है। कंपनियों ने अभी तक विवरण डालना शुरू नहीं किया है। इस कारण गाड़ियों का फिटनेस नहीं हो पा रहा है और लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। आरआई सीएल निगम ने बताया कि स्पीड गवर्नर की जांच के दौरान उसके नंबर डिटेल की एंट्री की जाती है। यह खेल पहले भी नही था लेकिन अब ऑनलाइन डाटा फीड होने पूरी तरह स्पीड गवर्नर में हेरफेर बंद हो जाएगा।

मालूम हो कि शासन ने प्रत्येक वाहन में स्पीड गवर्नर लगाने के आदेश दिए थे पर अबसे स्पीड गवर्नर का विवरण ऑनलाइन करने के निर्देश दिए गए हैं। स्पीड गवर्नर का 16 डिजिट का एक यूनिक नंबर होगा। वाहन के चेसिस नंबर की तरह इस नंबर को वाहन फोर पर डालेंगे तो संबंधित वाहन का डाटा खुलकर सामने आ जाएगा। प्रत्येक वाहन पर यह नंबर अंकित होगा। इससे चोरी से लेकर तमाम घटनाएं रुक सकेंगी।

शासन ने पूरे प्रदेश में 35 कंपनियों को स्पीड गवर्नर का डाटा ऑनलाइन करने का काम सौंपा है। यह कंपनियां वेबसाइट से स्पीड गवर्नर डिवाइस का ऑनलाइन डाटा लिंक करेंगी। यही नहीं, जब तक वाहन पर 16 डिजिट का नंबर दिखाई नहीं देगा, तब तक किसी भी वाहन को फिटनेस नहीं दी जाएगी। इसके बाद जब गाड़ी फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए आरटीओ कार्यालय पहुंचेगी तो गाड़ी के स्पीड गवर्नर की ऑनलाइन डिटेल क्रास चेक की जाएगी। ताकि स्पीड गवर्नर में किसी प्रकार की छेड़छाड़ या फेरबदल पकड़ में आ सके।

सबसे ज्यादा स्पीड गवर्नर की स्पीड लिमिट यानि 80 किमी प्रति घंटा की जांच की जाएगी ताकि पता चल सके कि इसको बदला तो नही गया। डाटा क्रॉस चेक होने के बाद ही फिटनेस जारी की जाएगी।