जालंधर के नशा तस्करों की 84.50 लाख की संपत्ति होगी नीलाम, सरकार ने उठाया सख्त कदम!

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पंजाब के जालंधर देहात पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए करीब साढ़े 84 लाख रुपए की संपत्ति जब्त की है। यह कार्रवाई नशा तस्करी से जुड़े चार विभिन्न मामलों में की गई है। पुलिस विभाग के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) हरकमल प्रीत सिंह खख ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पिछले चार महीनों से पुलिस द्वारा आपराधिक गतिविधियों पर सख्त नज़र रखी जा रही है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। एनडीपीएस एक्ट के तहत ये कार्रवाइयाँ संचालित की गई हैं, जिनसे यह स्पष्ट है कि तस्करों द्वारा राज्य में नशे के कारोबार के माध्यम से कितनी बड़ी संपत्ति बनाई गई है।

हरकमल प्रीत सिंह खख ने कहा कि जब्त की गई संपत्तियों को अब भारत सरकार के नाम पर रखा जाएगा और इन्हें कानून के अनुसार नीलाम किया जाएगा। यह संदर्भ में उन्होंने बताया कि चार नशा तस्करों की व्यक्तिगत संपत्ति को कुर्क किया गया है, जो उनके आपराधिक कार्यों के दौरान अर्जित की गई थी। इन संपत्तियों में शामिल हैं; कपूरथला निवासी हरीश कुमार उर्फ मोनू की कार, जिस पर पहले से ही शाहकोट में एक FIR दर्ज किया गया था।

इसी प्रकार होशियारपुर निवासी लखवीर चंद की 52 लाख रुपए के मूल्य की 9 मरले की जमीन को जब्त किया गया है। यह कार्रवाई उस एफआईआर के तहत की गई है जो 26 मई 2020 को भोगपुर में दर्ज की गई थी। इसके अलावा, मेहतपुर निवासी प्रेम सिंह का 11 कनाल और 1 मरले का प्लॉट भी फ्रीज कर दिया गया है। मकसूदां निवासी सोनू कुमार का एक रिहायशी मकान, जिसकी कीमत 20,74,000 रुपए है, को भी जब्त किया गया है।

पुलिस द्वारा इस प्रकार की कार्रवाई न केवल नशा तस्करी के प्रति सख्त रवैया दर्शाती है, बल्कि यह समाज में नशे की समस्या को नियंत्रित करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। SSP खख ने यह भी कहा कि पुलिस इस मामले में आगे की विधिक प्रक्रिया को तेजी से पूरा करेगी ताकि प्रभावित संपत्तियों का प्रभावी ढंग से निपटारा किया जा सके। इसके अंतर्गत यह आवश्यक है कि तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि उनके नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिल सके।

इस प्रकार की कार्रवाई का उद्देश्य न केवल तस्करों को सजा दिलाना है बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना और नशाकर्मियों की संपत्ति को कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से समाप्त करना भी है। इससे यह साबित होता है कि पुलिस तंत्र नशे के खिलाफ अपने संकल्प में गहराई तक जा रहा है, जिससे स्थानीय जनता में विश्वास का संचार हो सके। ऐसी कठोर कार्रवाईयां ही भविष्य में नशे के कारोबार को नियंत्रित करने में सहायक सिद्ध होंगी।