केंद्रीय मंत्री बिट्‌टू के खुलासे से हड़कंप: RDX के साथ घूम रहा था चैड़ा!

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पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर हाल ही में हुए हमले के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने बताया कि जब वह 2009 में श्री आनंदपुर साहिब के सांसद थे, तब नारायण सिंह चौड़ा नामक व्यक्ति ने उन्हें जान से मारने की योजना बनाई थी। बिट्टू ने बताया कि उस समय रोपड़ के एसएसपी ने उन्हें चेतावनी दी थी कि चौड़ा RDX लेकर घूम रहा है। इसकी जानकारी मिलने के बाद बिट्टू ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए थे। वह पहले से ही जानबूझकर अपनी सुरक्षा के लिए एहतियात बरत रहे थे।

बिट्टू के अनुसार, सुखबीर की जान इसलिए बची क्योंकि वह गोल्डन टेंपल में थे, जिसे भगवान का घर माना जाता है। उन्होंने कहा कि यदि सुखबीर उस जगह नहीं होते, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी। इस संदर्भ में बिट्टू ने यह भी कहा कि अकाली दल के नेताओं को सावधान रहना चाहिए, क्योंकि चौड़ा पहले भी कई गंभीर अपराध कर चुका है। उन्होंने ये भी बताया कि चौड़ा उनके दादाजी के हत्यारों को जेल से भगाने का मास्टरमाइंड रहा है, जिसने चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल में सुरंग बनवाकर हत्यारों को फरार करवाया था।

रवनीत बिट्टू ने इस बात पर जोर दिया कि चौड़ा उस समय से लेकर आज तक बरकरार है, जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आरोपी को जेल से निकालने और उनकी फांसी की सजा माफ करने का पक्ष लिया था। उनका कहना था कि इसी कारणसे चौड़ा बाहर घूम रहा है, जो समाज के लिए खतरा है। साल 2010 में, अमृतसर पुलिस ने चौड़ा की Maruti कार से 2 किलो RDX बरामद किया था, जिसके चलते वह काफी समय तक वांटेड रहा।

बिट्टू ने इस मामले में पंजाब पुलिस की सराहना की, लेकिन हमेशा यह शिकायत की कि जब आरोपी पकड़े जाते हैं, तो अदालतें उन्हें सजा नहीं देतीं। ऐसे मामलों में बाहरी प्रोटेक्शन की वजह से कई आरोपी बच निकलते हैं, जिससे पुलिस के प्रयास कई बार निष्फल हो जाते हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि ऐसे बड़े वकील जो कनाडा और अमेरिका से आते हैं, आरोपियों की रक्षा करते हैं, जिससे न्यायालय में सख्ती नहीं बरती जा पाती।

यहां तक कि 2004 में, चौड़ा ने पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारों को जेल से भगाने के लिए सुरंग बनाई थी। पिछले घटनाक्रमों की गहराई को देखते हुए यह साफ है कि सुरक्षा व्यवस्था और न्याय व्यवस्था में कई खामियां हैं, जिनका समाधान करने की आवश्यकता है। इस नाजुक स्थिति में, अगर उचित कदम नहीं उठाए जाते हैं, तो पंजाब की राजनीतिक स्थिरता और सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

सुखबीर बादल की जान बचने की यह घटना एक बड़ी चेतावनी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कभी भी सुरक्षा का ध्यान रखना अनिवार्य है। राज्य में फिर से बढ़ते आतंकवाद और आपराधिक घटनाओं से निपटने के लिए आवश्यक है कि राज्य सरकार और पुलिस ठोस कदम उठाएं।