पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नए मंत्रिमंडल को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने तीखे तंज कसने शुरू कर दिए हैं। पंजाब कांग्रेस प्रमुख और लुधियाना लोकसभा सीट के सांसद राजा वडिंग ने यह कहा कि प्रदेश में एक अस्थिर सरकार का शासन है। उन्होंने उल्लेख किया कि ढाई साल में चार बार मंत्रिमंडल में बदलाव किया जा चुका है, इस लिहाज़ से यह कहना उचित नहीं होगा कि चार महीनों में कोई विशेष परिवर्तन संभव है। उनके तर्क के अनुसार, आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज किया है, जिससे पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
जालंधर कैंट से विधायक परगट सिंह ने भी मुख्यमंत्री के खनन से सालाना 20,000 करोड़ रुपये कमाने के दावे को गंभीरता से लिया और इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने कार्यकाल के दरम्यान चार खनन मंत्रियों को बदलने का निर्णय लेना पड़ा, जो यह दर्शाता है कि ये केवल बयानबाजी थीं। उनके मुताबिक, पंजाब में अवैध खनन की गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं और मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि ढाई साल में चार बार खनन मंत्रियों की नियुक्ति और हटाने से साबित होता है कि खनन क्षेत्र में अस्थिरता और बेहिसाब लूट हो रही है।
परगट सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल द्वारा खनन से 20,000 करोड़ रुपये कमाने का दावा महज एक राजनीतिक बयान है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि असली चुनौती यह है कि क्या अवैध खनन के काम बिना मंत्रियों और अधिकारियों की मिलीभगत के हो रहे हैं। इसका क्या कारण है कि अब तक खनन माफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है? इसके अलावा, उन्होंने विधानसभा में और कई अन्य मंचों पर अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठाई है, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता को समझा जा सके।
परगट सिंह ने यह भी बताया कि उनके विधानसभा हलके में, जहाँ कोई दरिया नहीं बहता, वहाँ भी अवैध खनन की गतिविधियाँ हो रही हैं। उन्होंने इस संदर्भ में वीडियो सबूत प्रस्तुत किए हैं, लेकिन इसके बावजूद सरकारी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह स्थिति यह दर्शाती है कि न केवल खनन माफिया सक्रिय हैं, बल्कि सरकार की ओर से इस समस्या का समाधान करने में भी व्यापक विफलता हो रही है।
इस मामले में कांग्रेस पार्टी का यह आरोप प्रदेश की वर्तमान सरकार की काबिलियत और जिम्मेदारी पर दोबारा सवाल खड़ा कर रहा है। विपक्ष के इस हमले के बीच आम आदमी पार्टी को चाहिए कि वह अपने दावों को साबित करने के लिए ठोस कदम उठाए और यह सुनिश्चित करे कि अवैध खनन पर नियंत्रण पाया जा सके।