नई दिल्ली, 27 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को समन जारी कर 16 जनवरी को तलब किया है। समन में मुख्य सचिव को पूर्वाह्न 11 बजे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
मंडल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने ओबीसी आरक्षण को 17 से बढ़ाकर 22 प्रतिशत करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ओबीसी आरक्षण को 17 से बढ़ाकर 22 प्रतिशत करने में कोई कानूनी बाधा नहीं है अतएव ओबीसी के आरक्षण को 17 से बढ़ाकर 22 प्रतिशत कर दिया जाए। वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने आयोग को अपने लिखित उत्तर में बताया था कि राज्य सरकार ने इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है।
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक पश्चिम बंगाल में सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों को ‘ए’ और ‘बी’ श्रेणी में विभाजित किया है। ‘ए’ श्रेणी में 81 अति पिछड़़ी जातियां शामिल हैं, जिसमें से 73 जातियां मुस्लिम हैं। ‘बी’ श्रेणी में 98 पिछड़ी जातियां शामिल हैं, जिसमें से 45 जातियां मुस्लिम हैं। कुल 179 जातियां हैं जिसमें से 118 जातियां मुस्लिम हैं।
25 मार्च 2013 से पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य की इन जातियों के लिए 07 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था। पश्चिम बंगाल राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के कुल आरक्षण का प्रतिशत 45 प्रतिशत है। इसमें से अनुसूचित जाति को 22 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 6 प्रतिशत और ओबीसी को 17 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।