10HREG325 इंदौर: सोयाबीन फसल में खरपतवार पर ड्रोन से किया जायेगा दवा का छिड़काव
इंदौर, 10 मार्च (हि.स.)। मध्य प्रदेश विगत कई वर्षों से सोयाबीन फसल की औसत उत्पादकता लगभग 10-12 क्विंटल/हेक्टेयर पर स्थिर बनी हुई हैं। इसके प्रमुख कारणों में से जैविक कारक जैसे कीट, रोग तथा खरपतवार द्वारा लगभग 50-60 प्रतिशत नुकसान देखा गया हैं कई बार लगातार होने वाली वर्षा से इसके लिए उपयुक्त रसायनों का छिडकाव तथा समय पर नियंत्रण संभव नहीं हो पाता, लेकिन अब इसका तोड़ निकाला गया है। ड्रोन का प्रयोग एक अच्छा विकल्प हैं।
बता दें कि कृषि में मशीनीकरण तथा आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने के प्रयासों से भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान द्वारा हाल ही में दो ड्रोन क्रय किये गए हैं जिनका सफल प्रदर्शन किया गया। इसके लिए संस्थान के निदेशक डॉ के. एच. सिंह ने संस्थान के वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को बधाई दी है।