हरिद्वार :- विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने श्रीराम मंदिर निर्माण हेतु निधि समर्पण अभियान में लगे प्रमुख कार्यकर्ताओं से कहा कि श्रीराम मंदिर परिसर में आध्यात्मिकता के साथ आधुनिकता का संगम दिखेगा। वह गुरुवार को श्री हरी सेवा सनातन आश्रम, भूपतवाला में हुई बैठक में प्रमुख कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
महामंत्री चंपत राय ने बताया कि इकोफ्रेंडली परिसर में म्यूजियम, लाइब्रेरी, धार्मिक प्रतिष्ठान आदि सुविधाएं शामिल की गई हैं। बताया कि श्रीराम मंदिर ट्रस्ट ने 70 एकड़ के श्रीराम मंदिर परिसर को भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की मर्यादा के अनुसार बनाने की रूपरेखा लगभग तैयार कर ली है। पूरा राममंदिर परिसर राममय होने के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से भी लैस होगा।
उन्होंने बताया कि रामलला के दरबार में रामभक्तों को दिव्य दर्शन की अनुभूति होगी। पूरा परिसर इको फ्रेंडली बनने के कारण मंदिर का ज्यादातर भाग खुला रहेगा। अनुमान है कि मंदिर बन जाने के बाद एक लाख भक्त रोज रामलला के दर्शन को आएंगें। इसलिए व्यवस्थाओं को ऐसा स्वरूप दिया जाएगा कि वह कम से कम अयोध्या में पांच से सात दिन ठहर सकें।
राय ने बताया कि श्रीराम मंदिर न्यास और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर अयोध्या का सतत विकास करने जा रहे हैं। भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण में सरकार से धन का कोई सहयोग नहीं लिया गया है, यह हिन्दू समाज के सहयोग से ही निर्मित किया जायेगा। विकसित नई अयोध्या को भगवान श्रीराम के पूर्वज महाप्रतापी राजा इक्ष्वाकु के नाम पर इक्ष्वाकु नगरी के नाम से बसाया जायेगा।
आशीर्वचन करते हुए आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी जी महाराज ने कहा आज हिन्दू धर्म की स्वीकार्यता सम्पूर्ण विश्व में बढ़ रही है। भारतवर्ष में सनातन संस्कृति की नवीन चेतना पुनः जागृत हो उठी है। सनातन धर्म के वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर सामान्य जनमानस की समझ बढ़ रही है । गाय, गंगा व गीता के महत्व को अब बुजुर्ग ही नहीं वरन युवा और बच्चे भी समझने के प्रयास कर रहे हैं। धर्म का आधार प्रकृति है और प्रकृति ही जीवन का आधार है। हमारे व्रत, पर्व, त्योहार आदि प्रकृति के प्रति हमारी कृतज्ञता प्रकट करने को ही तो हैं।