नैनीताल :- नैनीताल की ठंडी सड़क पर शुक्रवार रात के बाद से लगातार भूस्खलन हो रहा है। सोमवार रात भूस्खलन के दौरान हुए धमाके के साथ भारी मलबा ठंडी सड़क से होते हुए नैनी झील में समा गया। दिन में भी झील में बोल्डर गिरे। भूस्खलन डीएसबी परिसर के केपी छात्रा छात्रावास के नए बने खंड के ठीक नीचे बिल्कुल अहाते से हो रहा है। इसलिए केपी छात्रावास के नए और पुराने दोनों खंडों को इससे खतरा उत्पन्न हो गया है। इस कारण छात्रावास के एक खंड को खाली करा दिया गया है।
भूस्खलन की वजह से कई पेड़ भी गिर गए हैं और बिजली की लाइन और ठंडी सड़क के किनारे लगी रेलिंग भी क्षतिग्रस्त हो गई है। नए स्ट्रीट लाइट के पोल भी ढह गए हैं। अब ठंडी सड़क पर भूस्खलन वाले स्थान से गुजरना संभव नहीं रह गया है। गौरतलब है कि ठंडी सड़क पर पैदल आवागमन पहले ही रोका जा चुका है। भू वैज्ञानिक डॉ. बहादुर सिंह कोटलिया ने इसे नैनीताल नगर के लिए चेतावनी बताया है और भविष्य में इस भूस्खलन के बलियानाला की तरह खतरनाक होने की भी आशंका जताई है।
डॉ. कोटलिया का कहना है कि यह बलियानाला के बाद नगर का सबसे कमजोर क्षेत्र है। यहां राजभवन से शुरू होकर डीएसबी गेट से राजभवन रोड होते हुए फ्लैट्स मैदान, बैंड स्टेंड से ग्रांड होटल होते हुए सात नंबर को जाने वाले इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों से बेहद सक्रियता के साथ लगातार भू धंसाव हो रहा है। इसकी शुरुआत 1998 में डीएसबी गेट के पास बड़े भूस्खलन से हुई थी। तब यहां कोई निर्माण कार्य न करने की संस्तुति की गई थी, लेकिन इसके बाद डीएसबी के गेट के पास बड़े निर्माणों की बाढ़ आई। राजभवन रोड, बैंड स्टेंड और ग्रांड के पास सड़क का धंसना इसी के कारण है। फिर भी राजभवन रोड और लोवर मॉल रोड को बिना भार वहन क्षमता और जमीन में नमी का स्तर जांचे कार्य हो रहे हैं। यह कार्य स्थायी रहने वाले नहीं हैं। बल्कि इनके लिए उच्चस्तरीय अभियंताओं की जरूरत है। भविष्य में यह धंसाव बलियानाला जैसा भयावह स्वरूप भी ले सकता है।
उल्लेखनीय है कि इस स्थान पर 21 जुलाई से भूस्खलन प्रारंभ हुआ है। उस दिन यहां थोड़ा सा मलबा आया था। उसी दिन राजभवन रोड की पालिका मार्केट के पास धंसी थी। तब से यहां रुक -रुक कर भूस्खलन हो रहा था। शुक्रवार (27 अगस्त) को एक बड़ा बोल्डर आने के बाद से फिर बड़ा भूस्खलन हुआ और तब से भूस्खलन जारी है। यही भूस्खलन अब सोमवार रात्रि बड़े रूप में सामने आया है और मॉल रोड की ओर से भी हरीतिमा युक्त पहाड़ी पर किसी दाग की तरह नजर आ रहा है। डोजर मशीन भी इस मलबे को हटाने में जवाब दे चुकी है।