कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए ओडिशा सरकार ने सावन के महीने में शुरू होने वाली पवित्र ‘बोल-बम यात्रा’ पर रोक लगा दी है. साथ ही सरकार ने कावंड़ यात्रा को भी स्थगित कर दिया. यह जानकारी विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने मंगलवार को दी. इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने भी कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने का ऐलान किया. हालांकि, उत्तर प्रदेश में प्रोटोकॉल के साथ यात्रा हो सकेगी.
ओडिशा सरकार के मुताबिक, किसी भी कांवड़िए या श्रद्धालु को ना तो धार्मिक स्थल पर जाने की अनुमति होगी और ना ही वे सार्वजनिक स्थानों पर चल सकेंगे. इसके अलावा वे किसी मंदिर में जल चढ़ाने भी नहीं चढ़ा सकेंगे.
नदियों से नहीं भर सकेंगे पानी
ओडिशा सरकार के आदेश के मुताबिक, नदियों से बोल-बम के भक्तों और कांवड़ियों को जल भरने की अनुमति नहीं है. साथ ही प्रदेश में सावन के महीने में भक्तों को राज्य के किसी भी शिव मंदिर में जलाभिषेक की अनुमति नहीं है. इस दौरान भक्त किसी भी मंदिर पर नहीं जा सकते और ना ही वे सार्वजनिक स्थानों पर चल सकते हैं.
भुवनेश्वर स्थित मंदिर में चढ़ाया जाता है जल
हिंदुओं के पवित्र महीने सावन में ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित लिंगराज मंदिर में हजारों की संख्या में भक्त आते हैं. माना जाता है कि लिंगराज मंदिर में भगवान शिव के शिवलिंग अपने आप प्रकट हुए थे, इन्हें किसी ने स्थापित नहीं किया था. यहां विराजमान शिवलिंग स्वयंभू है. लिंगराज मंदिर के गर्भग्रह में भगवान शिव और विष्णु की एक साथ पूजा की जाती है. यही वजह है कि यहां सावन में कांवड़ियों के साथ साथ अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.
ओडिशा में क्या है कोरोना की स्थिति?
ओडिशा में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 1930 नए मामले सामने आए. इस दौरान कोरोना महामारी से 68 लोगों की जान गई. ओडिशा में अब तक कुल 9,43,674 कोरोना पॉजिटिव केस पाए गए हैं, जिसमें 9,15,400 लोग कोरोना से ठीक हो गए हैं. अब तक 4730 लोगों की कोरोना से मौत हुई है.