कैमूर से उत्तर प्रदेश की सीमा में आसानी से बालू लेकर गाड़ियां कर रहीं हैं प्रवेश

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जिले में बालू की कमी है इसके बावजूद चोरी-छिपे इसका धंधा हो रहा है. सरकारी कर्मी भी इस अवैध में संलिप्त हैं. जानकर बताते हैं कि दो महीने पहले बालू की कीमत तान हजार रुपये प्रति ट्रॉली थी लेकिन आज आठ हजार ट्रॉली भी लोगों को नहीं मिल रहा है. बालू माफिया सरकार के निर्देशों को ताक पर रखकर इसके अवैध धंधे में लगे हैं.

कैमूर से उत्तर प्रदेश की सीमा में आसानी से बालू लेकर गाड़ियां प्रवेश कर रहीं हैं. आठ से 11 जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार लगभग 200 ओवरलोड ट्रक बिहार से यूपी में प्रवेश कर चुका है. इसके लिए बिहार में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को ओवरलोड का फाइन भी दिया. कई ट्रकों पर तो नंबर प्लेट भी नहीं होता है.

ओवरलोडिंग को रोकने के लिए जिले में अधिकारी तैनात

जानकारी के अनुसार, कैमूर जिला परिवहन के तीन अधिकारी कुदरा में कैमूर की सीमा पर ओवरलोड गाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए लगे रहते हैं. हालांकि हर दिन सैकड़ों की संख्या में ओवरलोड ट्रक अवैध बालू लेकर कैमूर की सीमा होते हुए एनएच-2 के रास्ते होकर पार हो जाता है. बालू माफिया और एंट्री माफिया के द्वारा कुछ अफसरों की मिलीभगत से ऐसा किया जा रहा है.

जिला परिवहन पदाधिकारी बाबू राम ने बताया कि लगातार अभियान चलाकर ट्रकों को पकड़ा जा रहा है. सिर्फ जुलाई में अब तक 25 ओवरलोड ट्रक को पकड़ कर कार्रवाई की गई है. आगे भी कार्रवाई होगी. इस मामले में जिला खनन पदाधिकारी नितिन कुमार ने कहा कि अवैध तरीके से बालू ओवरलोडिंग के परिचालन पर रोक लगाई जाएगी. 14 चक्का या इससे ऊपर के ट्रकों पर सरकार पूरी तरह से प्रतिबंध चुकी है. परिचालन होने पर नियम के तहत करवाई की जाएगी.

कैमूर जिला ट्रक यूनियन के अध्यक्ष जयप्रकाश यादव ने कहा कि जिले के सभी ट्रक मालिकों के दरवाजे पर गाड़ी खड़ी है. बाहर जिले के ट्रकों द्वारा ओवरलोड परिचालन किया जा रहा है. कैमूर से सभी ट्रक मालिक भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. ओवरलोडिंग पर कार्रवाई खानापूर्ति है.

एक ट्रक चालक ने नाम नहीं छापने पर कहा, “45,000 रुपये में मैंने औरंगाबाद के बारुण घाट से बालू लोड किया. चालान के रूप में कुछ नहीं मिलेगा. मेरा ट्रक 14 चक्का है. जितने भी थाने रोड पर मिले सबको एक-एक हजार रुपया दिया और मेरा ट्रक यहां तक आ गया. बॉर्डर पर आया तो एंट्री वाले दलाल को 15 सौ रुपया दिया और ट्रक पार करा दिया गया.