ऑनडिमांड बच्चे की चोरी कर बेचता था कुख्यात गैंग

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गाजियाबाद। लोनी पुलिस ने बीती 12 मई को चोरी हुए नवजात बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है।साथ ही इस पूरे गैंग के 11 बदमाशो को जिनमे की 9 महिलाएं है को भी गिरफ्तार कर लिया है।जिनके कब्जे से 5 लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं।

लोनी कोतवाली क्षेत्र की डाबर तालाब कालोनी से 12 मैं गायब हुए बच्चे का पता लगाने में पुलिस की कई टीमें लगी थी। इस दौरान 30 से अधिक संदिग्ध महिला और पुरुषों से हिरासत में पूछताछ भी की गई। सूत्रों की मानें तो पुलिस को बच्चा चोरी का सुराग हाथ लग गया है। 12 मई को बच्चे के चोरी होने का मामला प्रकाश में आया था। दंपती ने पुलिस से इसकी शिकायत की थी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। जांच में दंपती द्वारा बच्चा बेचने का मामला सामने आया। इसपर पुलिस ने दंपती और उनके कई रिश्तेदारों से पूछताछ की। पूछताछ में कई नाम प्रकाश में आए।जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की।पूछताछ में पता चला कि दिल्ली-एनसीआर के कई जिलों में ये पूरा गिरोह सक्रिय है।

गौरतलब है कि बच्चा खरीदने वाले आलोक अग्निहोत्री ने बताया कि उसकी बहन को कोई औलाद नही थी जिसके लिए उसने यह बच्चा ₹550000 में अश्मित कौर व उसके पति गुरमीत कौर जो कि दिल्ली के निवासी हैं उन से खरीदा है जिसके बाद पुलिस अश्मित कौर और गुरमीत कौर के पास पहुंची और परसों दर परत खुलने लगी इन दोनों पति पत्नी के अलावा सरोज प्रीति ज्योति सरोज मोनी उर्फ मोनिका रुबीना तरमीन वह शाहिद को दिल्ली से गिरफ्तार किया नशा करने के बाद उन्होंने बताया कि यह बच्चा वाहिद और तरमीम ने चोरी करके रुबीना वह मोनिका को दिया फिर इनके द्वारा यह बच्चा सरोज प्रीति ज्योति सरोज को दिया गया इसके बाद यह कड़ी यहीं नहीं थमी इसके बाद भी यह बच्चा इसी गैंग के अन्य सदस्य प्रभा इंदु व उसके दोस्त शिवा के द्वारा अश्मित कौर व उसके पति गुरमीत के पास पहुंचाया गया यह पूरा एक गैंग है जो कि नवजात बच्चों को चोरी करके उन्हें भेज दिया करता है इसका इनके 11 बदमाशों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है जबकि तीन अभियुक्त अभी भी फरार हैं जिन्हें जल्दी पुलिस गिरफ्तार करने का दावा कर रही है पुलिस ने इनके पास से बच्चे को बेच कर मिली रकम भी बरामद कर ली है पूछताछ में अश्मित कौर ने बताया कि डेलीहंट नामक वेबसाइट पर अस्मित ने अपना नंबर छोड़ा हुआ है ऐसे में जिसको भी बच्चे की आवश्यकता होती है वह उसे फोन करके बताता है और उसके बाद इस बच्चे चोरी करने वाले गिरोह की मदद से उस व्यक्ति को बच्चा उपलब्ध करा दिया जाता है।वहीं दूसरी ओर बच्चे को दोबारा अपनी गोद मे खेलते देख उसके परिजन भी खासे खुश हैं।