दिल्ली। देश में महामारी के इस समय में भी प्राइवेट अस्पताल अपना मुनाफा कमाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।भारत में फैल रही ब्लैक फंगस बीमारी की आड़ में अस्पताल अपने जेब भरने के लिए भारी भरकम रकम के बिल बनाकर मरीजों को थमा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला इंदौर के सीएचएल हॉस्पिटल से सामने आया है जहां एडमिट हुए एक मरीज को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए 50 लाख रुपए का एस्टिमेट बनाकर दे दिया गया. इतना बड़ी अमाउंट देखकर ना केवल मरीज बल्कि डॉक्टर्स और नर्स भी हैरान रह गए।
सीएचएल हॉस्पिटल में जिस मरीज को यह लंबा चौड़ा एस्टिमेट थमाया गया उनका नाम पंकज गुप्ता है। पंकज की अब तक नाक और ब्रेन की दो सर्जरो हो चुकी है। अस्पताल का एस्टिमेट देखकर वहां के ईएनटी स्पेशलिस्ट का कहना है कि इतना खर्च इस बीमारी से जुड़े इलाज में हो ही नहीं सकता। बीमारी में सबसे ज्यादा सिर्फ इंजेक्शन का खर्च होता है, बाकी एंडोस्कोपिक सर्जरी होती है। वहीं इस बारे में सीएचएल अस्पताल प्रबंधन कुछ भी कहने को राजी नहीं है.
पंकज अपने घर में अकेले कमाने वाले हैं. उनकी पत्नी अंशू गुप्ता ने बताया कि कोरोना से ठीक होने के बाद पति को ब्लैक फंगस इन्फेक्शन हो गया। वो ब्लैक फंगस के इंफेक्शन के लिए सुबह से शाम तक मेडिकल कॉलेज के डीन के ऑफिस के बाहर खड़ी रही तब भी बस 5 ही इंजेक्शन मिले, जबकि रोज 16 इंजेक्शन लग रहे हैं. अंशू और पकंज के दो बेटियां है। पंकज अपने घर में कमाने वाले इकलौते व्यक्ति हैं। उनकी बीमारी के इस समय में प्रतिदिन एक लाख रुपए का एक इंजेक्शन लग रहा है। उनकी पत्नी का कहना है कि जो भी जोड़ा था वह सब पति के इलाज में सब खर्च हो गया उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज से 2.5 हजार रुपय का एक इंजेक्शन मिल रहा है, लेकिन मेडिकल कॉलेज से बस 5 ही इंजेक्शन मिल पा रहे हैं । बाकि बचे हुए इंजेक्शन 12 से 13 हजार रुपए में बाजार से खरीदना पड़ रहे हैं. पति को 28 दिन तक इंजेक्शन लगना हैं. अभी भी 20 दिन के इंजेक्शन लगना बाकी हैं।हालांकि अस्पताल की इस हरकत का कुछ डॉक्टर्स ने जमकर विरोध भी किया है. कुछ ने इस पर सवाल भी उठाए हैं. एक डॉक्टर ने तो सोशल मीडिया पर आरोप भी लगाया है कि पांच हजार के एंटी फंगल इंजेक्शन के एक लाख रुपए लिए जा रहे हैं। वही दूसरी और पंकज की पत्नी ने अस्पताल की इस हरकत को लेकर भारत सरकार से अस्पताल प्रबंधन के ख़िलाफ़ सख़्त से सख्त कार्यवाही करने के माँग की है।