खेत को बना दिया अस्पताल, जिंदगियों से किया खिलवाड़

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दिल्ली। जहां एक तरफ कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते अस्पतालों में बेड की कमी हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के आगर मालवा से चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां झोलाछाप डॉक्टर खेतों में मरीजों का इलाज कर रहे हैं. पेड़ पर सलाइन की बोतल लटका कर मरीजों को चढ़ाई जा रही हैं। यह कारनामा मध्य प्रदेश आगर मालवा गांव में हुआ है जहां खुलेआम खेत को अस्पताल बना दिया गया ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि दर्जनों लोगों की जिंदगी से खेलने वालों के खिलाफ सरकार कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।

दरअसल, ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को खांसी जुकाम आने पर इस बात का डर सता रहा है कि शहर जाएंगे तो उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया जाएगा इसलिए वो गांव के झोलाछाप डॉक्टरों के पास इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। शहर में प्रशासन की तरफ से ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई भी जारी है लिहाजा प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर ऐसे झोलाछाप खेत में मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इस दौरान पेड़ पर ही सलाइन लटकाकर मरीजों को चढ़ाई जा रही है. झोलाछाप डॉक्टरों की यह करतूत प्रशासन को जैसे ही पता चली, इसे रुकवाया गया है। इस मामले में बात करते हुए बीएमओ मनीष कुरील ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर जो ग्रामीण इलाकों में इस तरह इलाज कर रहे हैं, उन पर पहले भी कार्रवाई की गई है. इस मामले में भी कार्रवाई कर रहे हैं. हमारी सबसे अपील है कि जिसको भी खांसी, ज़ुकाम जैसे लक्षण लगे वो पहले डॉक्टर को दिखाए उनके निर्देश पर अपना कोरोना टेस्ट करवाएं नहीं तो ऐसे इलाज से बाद में बहुत देर हो जाती है।

गौरतलब है कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश में हाहाकार मचा दिया है। ऐसे में इस आपदा को अवसर बनाने वालों की कोई कमी नहीं। बड़ी बात यह है कि झोलाछाप डॉक्टर से लेकर दवाई एवं ऑक्सीजन की कालाबाजारी और भ्रष्टाचार की खबरें सामने आ रही हैं। जिनके खिलाफ सरकार थोड़ी बहुत कार्यवाही कर रही है लेकिन कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अगर इस तरह की कार्यप्रणाली पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो यकीनी तौर पर कई जाने जा सकती हैं।