स्वदेशी उत्पादों से प्रेम और आत्मनिर्भरता ही देश के स्वाभिमान को निर्मित करती है : न्यायमूर्ति जेजे मुनीर

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प्रयागराज, 01 दिसम्बर । संगमनगरी एक बार फिर लोक-परम्पराओं और स्वदेशी कला के अद्भुत संगम का साक्षी बनी। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से आयोजित दस दिवसीय ‘राष्ट्रीय शिल्प मेला’ का शुभारम्भ सोमवार को शिल्प हाट परिसर में भव्य सांस्कृतिक संध्या के साथ किया गया। एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करते हुए, देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपने पारम्परिक परिधानों और लोकनृत्य की मोहक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान को मंच पर जीवंत किया।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर, केन्द्र निदेशक सुदेश शर्मा एवं कार्यक्रम सलाहकार कल्पना सहाय ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पिछले चार दशकों से लोक कलाओं की धरोहर को संरक्षित कर रहा है। स्वदेशी शिल्पों के माध्यम से आत्मनिर्भरता व राष्ट्रगौरव की भावना मजबूत होती है। इसलिए शिल्प मेला आज प्रयागराज का एक महत्वपूर्ण वार्षिक आयोजन बन चुका है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पादों से प्रेम और आत्मनिर्भरता ही व्यक्ति के रूप में हमारी और राष्ट्र के रूप में देश के स्वाभिमान को निर्मित करती है।

–सुरों और लोकनृत्यों ने बांधा समांसांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ विपिन मिश्रा के शंख-डमरू वादन से हुआ। तत्पश्चात पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने माँ गंगा को नमन करते हुए जब “मोरे राम जोगिनी बनूंगी” गाया तो पंडाल करतल ध्वनि से गूंज उठा। रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे, मोरे अंगना भवानी आई, हो रामा हो रामा, “केसरिया बालम पधारो म्हारे देस,जैसे गीतों ने शाम को भक्तिरस व लोकधुनों की मिठास से भर दिया। राजा जनक के हारे भीड़ और होली खेले मसाने में और “सावन आया रे, मेघ छाए रे, प्रस्तुत कर समां बांध दिया।

लोकनृत्यों की कड़ी में असम से आई स्वागता शर्मा एवं दल ने असम के पारम्परिक नृत्य बिहू की प्रस्तुति देकर वहां की माटी की सुगंध को बिखेरकर खूब तालियां बटोरी। मध्य प्रदेश से आए जुगल किशोर एवं दल ने जनक लियौ रघुरयिया अवध में बाजे बधाइयां गीत पर रगं-बिरंगे परिधान में बधाई, नौरता नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब तालियां बटोरी। हरियाणा से आए प्रदीप कुमार बमनी और साथी कलाकारों ने फागुन आया रंग भरा गीत पर फाग नृत्य की प्रस्तुति देकर देवर भाभी के प्रेम को मंच पर जीवंत किया। झांसी से आई राधा प्रजापति एवं दल ने राई नृत्य की प्रस्तुति दी। वही रामबाबू यादव ने बिरहा भेजी राम को वन में रहले कैअव कारण, बनिके मनिहारी श्याम दौरी सिर पर धारी की प्रस्तुति दी।

–आकर्षक शोभायात्रा बनी मुख्य आकर्षणविभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों ने शहर के मध्य भव्य शोभायात्रा निकाली। शोभा यात्रा एनसीजेडसीसी से प्रारम्भ होकर इंदिरा गांधी चौराहा, पत्थर गिरजाघर, सुभाष चौराहा से होती हुई आगे बढ़ी। सिविल लाइन के उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष स्वाती निरखी, क्षेत्रीय पार्षद नीरज जायसवाल, संजय पुरुषार्थी, पंकज जायसवाल सहित अन्य नागरिकों ने कलाकारों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आभा मधुर ने किया।