बच्चों का सर्वोत्तम हित सर्वोच्च प्राथमिकता: बाल आयोग
राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य द्वय ने बैठक में दिए निर्देश
उज्जैन, 05 जुलाई (हि.स.)। जिले में बाल गतिविधियों एवं हकीकत में जमीन पर क्या स्थिति है, इसका जायजा लेने आए राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा एवं ओंकार सिंह ने जिला बाल संरक्षण इकाई के सर्व संबंधितों को विभिन्न विभागों के समन्वय से बच्चों का सर्वोत्तम हित हर संभव स्थिति में सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं । आयोग इस वक्त दो दिनी उज्जैैन दौरे पर है।शुक्रवार को शुरू हुए उनके दौरे का आज शनिवार को अंतिम दिन है। सदस्यों के द्वारा आईसीपीएस के तहत बिंदू वार समीक्षा करते हुए जिले में भिक्षा वृत्ति उन्मूलन हेतु विशेष प्रयास करने के निर्देश सभी विभागों के अधिकारियों को दिए गए हैं।
इस संबंध में शनिवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास बृजेश त्रिपाठी ने बताया कि बैठक में जिले में चाइल्ड हेल्प लाइन, बाल सुधार गृह, बालिका गृह, शिशु गृह, बाल संप्रेक्षण गृह की स्थिति की समीक्षा करते हुए बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड सदस्यों को जेजे एक्ट नियम निर्देशों के तहत बाल संरक्षण एवं देखरेख की आवश्यकता वाले बच्चों के पारिवारिक एवं विधिक पुनर्वास के लिए समन्वित प्रयास करने के निर्देश मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने बताया कि नागदा में चाइल्ड लाइन इकाई खोलने एवं बाल गृह की मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजने के लिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी को समय सीमा में कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं । स्वास्थ्य , सामाजिक न्याय, शिक्षा, श्रम, विशेष किशोर पुलिस इकाई विभाग के जिला प्रमुख प्रतिनिधियों से विभागवार प्रगति, और कठिनाई तथा निराकरण के भी दिशा निर्देश जारी किए गए । इसके साथ ही श्री त्रिपाठी का कहना था कि इस महत्वपूर्ण बैठक में अध्यक्ष बाल कल्याण लोकेंद्र शर्मा, जेजेबी सदस्य विकास अरोणनिया , रजनी उपाध्याय, विभाग के अधिकारी गण, बाल कल्याण समिति सदस्य शोभा शर्मा, विनता कासलीवाल, प्रीति गोयल, श्रद्धा शर्मा सहित आईसीपीएस सदस्य गण उपस्थित थे ।
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