हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम ने रोहतक की सुनारिया जेल से 30 दिन की पैरोल पर रिहा होते ही, 12 दिन सिरसा में बिताने के बाद शनिवार को अपराह्न 2:30 बजे उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम के लिए प्रस्थान किया। राम रहीम अपने साथ आठ गाड़ियों का एक काफिला लेकर निकला और उसे डेरे के पीछे से नजियाखेड़ा गांव से निकलने के लिए बाजेकां रोड पर स्थापित नाके से भेजा गया।
राम रहीम को पहले भी साध्वियों के यौन शोषण के मामले में उम्रकैद की सजा के दौरान समय-समय पर पैरोल मिली है, और यह उसकी 12वीं पैरोल है। उसे 28 जनवरी को पहली बार कुछ दिन सिरसा डेरे में बिताने की अनुमति दी गई थी। उसी दिन सुबह लगभग 8:30 बजे वह सिरसा डेरे पहुंचा। उससे पहले आशंका जताई जा रही थी कि राम रहीम कम से कम 6 फरवरी तक सिरसा में रह सकता है, लेकिन अब 12 दिन बिताने के बाद उसे शनिवार को बरनावा आश्रम के लिए रवाना होना पड़ा।
बरनावा आश्रम में रहकर राम रहीम बाकी 18 दिन की पैरोल का पालन करेगा। आश्रम से ही वह अपने अनुयायियों के लिए ऑनलाइन सत्संग भी आयोजित करेगा। इस बार ऑनलाइन सत्संग का कार्यक्रम जूम ऐप के माध्यम से संचालित किया जाएगा। इसके लिए पहले से ही नाम चर्चा घरों में एलईडी स्क्रीन स्थापित कर दी गई है, जिससे भक्तों तक संदेश पहुंचाया जा सके।
सिरसा में राम रहीम के आगमन के साथ ही पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे। डेरे के चारों तरफ और मुख्य गेट पर 200 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। सुरक्षा के दृष्टिकोण से, सभी प्रमुख गेटों पर 20 पुलिसकर्मियों तक को कार्रवाई में लगाया गया था, जबकि नाकों पर भी पुलिस बल मौजूद रहा।
इस प्रकार, राम रहीम का सिरसा स्थित डेरे से उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम जाना, जहाँ वह अपनी शेष पैरोल बिताएगा, प्रशासन के लिए अनुशासन और सुरक्षा व्यवस्था के तहत एक चुनौती बनी हुई है। राम रहीम के अनुयायियों के लिए आयोजन की दिशा में सुरक्षा यथासंभव बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन पर होगी, ताकि सब कुछ शांति से संचालित हो सके और धार्मिक गतिविधियों को जारी रखा जा सके।