आयोजन के दौरान श्रमिकों को बताया गया कि मनरेगा केवल मजदूरी देने की योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने का प्रमुख माध्यम है। इसी उद्देश्य से मजदूरों को क्यूआर कोड स्कैनिंग व्यवस्था, जॉब कार्ड सत्यापन, कार्य मांग प्रक्रिया, तथा मास्टर रोल जारी करने की पद्धति की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही कार्यक्रम में ग्रामीणों को आजीविका बढ़ाने वाले व्यक्तिगत कार्यों के बारे में भी बताया गया। जिसमें निजी डबरी, कच्ची नाली निर्माण, पशु शेड निर्माण, प्लेटफार्म निर्माण सहित मनरेगा अंतर्गत होने वाले आजीविका आधारित निर्माण कार्य शामिल रहे।
रोजगार दिवस के माध्यम से हर श्रमिक को कार्य से जोड़ना, तकनीकी रूप से जागरूक बनाना, एवं आय बढ़ाने के अवसरों से जोड़ना। इसी क्रम में मजदूरों को प्रोत्साहित किया गया कि वे जॉब कार्ड अद्यतन, क्यूआर कोड स्कैन से कार्यों की जानकारी, अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं, कार्य मांग प्रस्तुत करें तथा अधिक से अधिक आवेदन देकर आजीविका डबरी जैसे कार्यों का लाभ उठाएं।