देवशयनी एकादशी रविवार को: जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे

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देवशयनी एकादशी रविवार को: जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे

जयपुर, 5 जुलाई (हि.स.)। देवशयनी एकादशी के पावन पर्व पर रविवार को मंदिर श्री गोविंद देवजी में प्रातः काल मंगला झांकी पश्चात ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक किया जायेगा एवं उसके पश्चात ठाकुर श्री जी को नवीन लाल रंग की नटवर वेश पोशाक धारण कराई जाएगी और विशेष अलंकारों पुष्प श्रृंगार किया जायेगा। ग्वाल झांकी पश्चात ठाकुर श्रीजी शालिग्राम स्वरूप को रथ पर विराजमान करके मंदिर के दक्षिण पश्चिम कोने पर स्थित तुलसा मंच पर ले जाया जाएगा और विराजमान कर महंत श्री अंजन कुमार गोस्वामी जी द्वारा शालिग्राम भगवान का पंचामृत अभिषेक एवं तुलसी महारानी जी का पूजन किया जाएगा। पूजन के पश्चात भोग अर्पण किया जायेगा। तुलसी महारानी जी एवं शालिग्राम भगवान जी की चार परिक्रमा एवं आरती की जाएगी। इसके पश्चात ठाकुर श्रीजी शालिग्राम भगवान जी को खाट पर विराजमान कर निज मंदिर की एक परिक्रमा पश्चात वापस गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा। इसके पश्चात संध्या झांकी के आरती दर्शन होंगे।

आचार्य रिशांक शर्मा ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी रविवार को देवशयनी एकादशी है। मान्यता है कि इस दिन प्रभु शिव को सृष्टि की जिम्मेदारी सौंप कर जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे। इसी के साथ सावों पर रोक लग जाएगी। यानी विवाह, गृह प्रवेश सहित शुभ कार्य वर्जित हो जाएंगे। 118 दिन बाद 2 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर श्री हरि विष्णु पुन: योग निद्रा से जागेंगे। उसी दिन से मांगलिक कार्य शुरू हो सकेंगे।

आचार्य रिशांक शर्मा ने बताया कि देवशयनी पर भी मुहूर्त रहता है, लेकिन लोग इस सावे में शादियां करना पसंद नहीं करते हैं।

साल के अंतिम 2 माह में 12 सावे

आचार्य रिशांक शर्मा के अनुसार साल के अंतिम दो माह नवंबर और दिसंबर में 12 सावे रहेंगे।

नवंबर में 8 मुहूर्त

2, 22, 23, 24, 25, 27, 29 और 30 विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं।

दिसंबर में 4 सावे

4, 5, 6, और 11 को सावा रहेगा।

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