भीलवाड़ा से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक बुजुर्ग व्यापारी को लूट का शिकार होना पड़ा। मंगलवार रात को वकील कॉलोनी के सुनसान इलाके में बाइक सवार दो बदमाशों ने साहसी तरीके से वृद्ध व्यापारी पर हमला किया। इस लूट के दौरान, बदमाशों ने व्यापारी की आंखों में मिर्ची डालकर उनके हाथ से 85 हजार रुपए से भरा बैग छीन लिया। यह घटना रात करीब 10:45 बजे हुई, जब 65 वर्षीय सुरेश भंडारी, जो भंडारी ट्रेडिंग कंपनी के मालिक हैं, अपनी दिन भर की कमाई लेकर घर लौट रहे थे।
सूत्रों के अनुसार, सुरेश भंडारी जैसे ही अपनी स्कूटी पर वकील कॉलोनी स्थित अपने निवास की ओर बढ़े, अचानक काशीपुरी वकील कॉलोनी की सुनसान गली में बाइक पर आए दो युवकों ने उन पर धावा बोल दिया। बदमाशों ने पहले तो व्यापारी की आंखों में मिर्ची डालकर उन्हें अंधेरे में झोंक दिया। मिर्ची की तीखी जलन से परेशान होकर जब व्यापारी ने अपनी आंखें मलना शुरू किया, तभी बदमाशों ने उन पर हमलावर होते हुए उनके हाथ से बैग छीन लिया और मौके से फरार हो गए।
व्यापारी की चीख-पुकार सुनकर आस-पास के लोग इकट्ठा हो गए। घटना के समय बैग में 85 हजार रुपए, एक मोबाइल फोन और दुकान की चाबियां रखी हुई थीं। प्रारंभिक जांच के दौरान पुलिस का मानना है कि बदमाश संभवतः व्यापारी का पीछा कर रहे थे और उन्हें उनकी लोकेशन का ज्ञान था। इस घटना ने स्थानीय व्यापारियों के बीच भय का माहौल पैदा कर दिया है और व्यापारियों में सुरक्षात्मक उपायों को लेकर चिंता बढ़ गई है।
दूसरी ओर, जब इस घटना की जानकारी पुलिस को मिली, तब कोतवाली थाना की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। डीएसपी सिटी मनीष बड़गुर्जर ने मामले की गंभीरता को समझते हुए शहर के विभिन्न स्थानों पर नाकाबंदी कराने का आदेश दिया। पुलिस ने जल्दी ही बदमाशों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए एक खोज शुरू की, जिसका आधार बदमाशों का हुलिया है। पुलिस की तत्परता इस मामले में जल्दी कार्रवाई की उम्मीद जगा रही है, किंतु स्थानीय व्यापारी इस घटनाक्रम से भिन्न भावनाओं में हैं।
इस घटना ने न सिर्फ व्यापारी वर्ग को चिंता में डाल दिया है, बल्कि आम लोगों के लिए भी सुरक्षा के प्रति एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा किया है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण बनाए रखने के प्रयासों की जरूरत अब असाधारण रूप से बढ़ गई है। व्यापारी सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाएंगे, यह देखने योग्य होगा, क्योंकि ऐसी घटनाएं न केवल व्यापारियों के मनोबल को प्रभावित करती हैं, बल्कि समाज में असुरक्षा का माहौल भी बनाती हैं।