भाजपा पर आगबबूला रामजीलाल सुमन: हत्या की साजिश का आरोप, अफसरों की नाकामी पर उठे सवाल!

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समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले पर हाल ही में अलीगढ़ में एक बड़ा हमला हुआ है। इस घटना के दौरान, सांसद के काफिले की गाड़ियों पर पत्थर और टायर फेंके गए, जिसके चलते सांसद को बेजा परेशानी का सामना करना पड़ा। रामजीलाल सुमन, जो आगरा से बुलंदशहर जा रहे थे, ने इस हमले के संबंध में अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह हमला सरकार के इशारे पर किया गया है, और यह सब एक संगठित साजिश का हिस्सा है।

सांसद ने कहा कि उन्हें पहले से इस हमले की चिंता थी और उन्होंने प्रशासन को अपनी यात्रा के कार्यक्रम के बारे में जानकारी दे रखी थी। उनका कहना है, “बाबा के लोग अंधे हो गए हैं, वे बिना किसी रोकटोक के ऐसी हरकतें कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों पर पहले से मुकदमे हैं, वे भी खुलकर सड़कों पर आते हैं और प्रशासन वहां कुछ नहीं कर पाता। इस संदर्भ में रामजीलाल सुमन ने करणी सेना का नाम लिया, जो इस हमले में शामिल रही है। उनका कहना था कि यदि ये लोग सच में बहादुर हैं, तो उन्हें पाकिस्तान जैसे दुश्मनों से लड़ना चाहिए, बजाय गरीब और दलितों पर अत्याचार करने के।

इस घटना के बाद सांसद के काफिले को अलीगढ़ में सुरक्षा के अभाव में रोक दिया गया। रामजीलाल सुमन ने बताया कि वे बुलंदशहर में दलित परिवार से मिलने के लिए जा रहे थे, लेकिन उन्हें पुलिस द्वारा उचित सुरक्षा नहीं दी गई। उनके अनुसार, उन्हें गभाना टोल पर ही रोक लिया गया और वहां से आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई। इस संघर्ष के चलते सांसद के काफिले में शामिल गाड़ियाँ आपस में टकरा गईं, जिससे कई लोग चोटिल हो गए।

अलीगढ़ में, जब सांसद का काफिला फिर से आगे बढ़ने लगा, तब एक बार फिर से करणी सेना के कुछ युवक इकट्ठा हो गए और गाड़ियों पर हमला कर दिया। इस दौरान पुलिस ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन हमला होने के कारण सांसद को काफी देर तक रुकना पड़ा। रामजीलाल सुमन ने इस पूरी घटना को सरकार की नीति का हिस्सा मानते हुए कहा कि यह सब दलितों के प्रति दुष्ट मानसिकता का परिणाम है। उन्होंने मांग की कि सरकार को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि सामाजिक समरसता को बनाए रखा जा सके।

इस मामले के संबंध में और जानकारी पर ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि यह हमला न केवल एक राजनीतिक घटना है, बल्कि इसमें समाज में फैली असहिष्णुता और जाति आधारित भेदभाव की और भी गंभीर परतें छिपी हुई हैं। रामजीलाल सुमन ने स्पष्ट किया कि ऐसे हमले भारत की एकता और अखंडता के लिए एक खतरा साबित हो सकते हैं।