पंजाब में तापमान का उछाल: 2 दिन में 3 डिग्री तक बढ़ोतरी, मार्च में 46% कम बारिश!

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पंजाब में हाल ही में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव कमजोर हो गया है, जिससे राज्य के मौसम में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान, पूरे राज्य में न केवल धूप खिली रही, बल्कि बारिश का कोई अता-पता भी नहीं था। इसके परिणामस्वरूप, राज्य के औसत अधिकतम तापमान में 3.9 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है, जो हालांकि अभी भी सामान्य स्तर के काफी करीब है। इस दौरान, पंजाब के पटियाला शहर में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

मौसम विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 48 घंटे में राज्य के तापमान में और वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है। अनुमान है कि अधिकतम औसत तापमान में 2 से 3 डिग्री की वृद्धि हो सकती है। साथ ही, आने वाले सप्ताह में न तो बारिश का पूर्वानुमान है और न कोई नया पश्चिमी विक्षोभ राज्य पर असर डालता दिख रहा है। पिछले कुछ समय से राज्य में बारिश की स्थिति पर गौर करें, तो यह चिंता का विषय है। 2024 के शुरू में भी ने गिरती बारिश की वजह से मौसम विभाग ने पंजाब को रेड जोन में रखा है।

इस वर्ष मार्च महीने के पहले दो हफ्तों में पंजाब में 46 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। जहाँ सामान्यत: इस अवधि में लगभग 14 मिमी बारिश होती है, वहीं इस साल महज 7.6 मिमी बारिश हुई है। दूसरी ओर, फरवरी महीने के दौरान भी बारिश की मात्रा सामान्य से काफी कम रही, जब केवल 21.6 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्यत: 27.1 मिमी बारिश होनी चाहिए थी। वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर, किसान और कृषि प्रेमियों के बीच चिंता बढ़ती जा रही है।

पंजाब के विभिन्न शहरों का मौसम भी साफ रहने की संभावना है। अमृतसर में आज आसमान पूरी तरह साफ रहेगा और तापमान 12 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। इसी प्रकार, जालंधर और लुधियाना में भी आसमान साफ रहने की उम्मीद है, जहाँ तापमान क्रमशः 13 से 24 डिग्री और 13 से 25 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। पटियाला और मोहाली में भी मौसम ठीक रहेगा, जहाँ पटियाला में तापमान 14 से 26 डिग्री और मोहाली में 18 से 26 डिग्री के बीच रहने की संभावना है।

इन परिस्थियों के बीच, राज्य में आने वाले दिनों में मौसम के बदलाव पर नजर रखना आवश्यक है, विशेषकर कृषि गतिविधियों के संदर्भ में। किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने फसलों का ध्यान रखें और मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार अपनी तैयारी करें। इस प्रकार, मौसम संबंधी अनियमितताओं को देखते हुए, संभावित उपायों के माध्यम से किसानों को तैयार रहना चाहिए।