राजस्थान जेलों में कैदियों का कॉल नेटवर्क: ट्रेनी IPS को 20 मिनट तक रोका!

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राजस्थान की जेलों में हालिया घटनाओं ने एक बार फिर से सभी का ध्यान आकर्षित किया है, खासकर कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के हालिया इंटरव्यू और राजनीतिक नेताओं को मिली धमकियों के कारण। यहां यह स्पष्ट हो गया है कि जेलों में कैदियों और कर्मचारियों के बीच मिलीभगत के चलते धमकी, वसूली और फिरौती के जाल फैले हुए हैं। पुलिस द्वारा इसे रोकने की कोशिशें भी लगातार असफल हो रही हैं। राजस्थान के डीजीपी यूआर साहू ने भी इस मुद्दे पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है, जो इस बात का संकेत देती है कि जेलों में सुधार की आवश्यकता है।

इस मुद्दे को थोड़ा और गहराई से समझने के लिए जोधपुर में एक ट्रेनी आईपीएस हेमंत कलाल का अनुभव महत्वपूर्ण है। जब वह जेल में तलाशी के लिए पहुंचे, तो उन्हें 20 मिनट तक गेट पर रोके रखा गया। जेल स्टाफ ने उनके साथ कोई सहयोग नहीं किया और यह आरोप लगाया कि जेल के एसपी वहां मौजूद नहीं हैं। इस लापरवाही से यह स्पष्ट है कि जेल के भीतर कुछ ऐसा चल रहा है, जिसे छिपाने की कोशिश की जा रही है। प्रशिक्षु आईपीएस कलाल ने यह भी कहा कि ऐसे समय में किसी भी सामान को छिपाने के लिए 20 मिनट का समय काफी होता है।

इसके बाद, हेमंत कलाल ने पुन: 21 फरवरी 2025 को जेल का दौरा किया, जब उन्‍हें मटकी के अंदर छिपे हुए दो मोबाइल मिले। इस प्रकार की चतुर योजना से यह पता चलता है कि ये गतिविधियाँ केवल कैदियों की नहीं थीं, बल्कि उनके पीछे एक संगठित नेटवर्क का हाथ था, जिसमें जेल कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं।

राजस्थान की जेलों में आए दिन धमकियों के मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में डिप्टी सीएम को भी इस प्रकार की धमकियाँ मिल चुकी हैं और इसके बाद 29 मार्च 2025 को कुछ जेल अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। हालात गंभीर हो गए हैं और कई बार फोन के माध्यम से जान से मारने की धमकियाँ दी गई हैं। पिछले कुछ महीने में ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ती गई हैं, जिससे यह साबित होता है कि जेल में सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

इस सभी घटनाक्रम का न केवल पुलिस, बल्कि जेल प्रशासन पर भी असर डाला है। ADG जेल रुपिंदर सिंह ने कहा है कि वे सभी मामलों की गहन जांच कर रहे हैं और ऐसे मामलों में दोबारा एक्शन लिया जाएगा। इससे स्पष्ट है कि जेलों में सुधार की दिशा में कार्य करने की जरूरत है। इसके अलावा, वर्तमान में इस्तेमाल हो रहे 2G जैमर अब प्रभावी नहीं रह गए हैं, और नए हार्मोनिक कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम लगाने का निर्णय लिया गया है। यह उम्मीद की जा रही है कि अगले दो-तीन महीनों में जेलों में नई सुरक्षा तकनीक स्थापित हो जाएगी, जो जेल के अंदर के ऐसे अव्यवस्थित तत्वों को नियंत्रित करने में मददगार साबित होगी।

समग्र रूप से, राजस्थान की जेलों की स्थिति चिंताजनक है और इसे सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। बदले में, यह भी महत्वपूर्ण है कि इन घटनाओं की जड़ तक जाने के लिए एक विश्वसनीय जांच प्रक्रिया को अमल में लाया जाए।