पंजाब: बिजली कर्मचारियों के लिए नया ड्रेस कोड, भड़कीले कपड़ों पर प्रतिबंध!

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पंजाब राज्य पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) ने अपने कर्मचारियों के लिए एक नया ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत अब ड्यूटी के दौरान भड़कीले और छोटे कपड़े पहनना प्रतिबंधित होगा। इस पहल का उद्देश्य विभाग की छवि को सुधारना और कार्यस्थल पर अनुशासन बनाए रखना है। बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने इस दिशा में स्पष्ट निर्देश दिए हैं, जिससे सभी अधिकारी और कर्मचारी निर्धारित समय पर कार्यस्थल पर मौजूद रहें और उचित रूप से कपड़े पहने।

पीएसपीसीएल के प्रबंध निदेशक द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि सभी कर्मचारियों को कार्यालय समय के दौरान औपचारिक पोशाक पहननी होगी। पुरुष कर्मचारियों को पैंट, पूरी आस्तीन की शर्ट, और आवश्यकतानुसार कोट या स्वेटर पहनने की सलाह दी गई है, जबकि महिलाओं के लिए सलवार कमीज सूट, साड़ी, और फॉर्मल शर्ट-ट्राउजर का पालन करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, विभाग ने छोटे, भड़कीले, या कम कमर वाले कपड़ों, लोअर पैंट और बिना आस्तीन की शर्ट पहनने पर प्रतिबंध लगाया है।

चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए वर्दी के संदर्भ में भी एक मानक स्थापित किया गया है। पुरुष कर्मचारियों को खाकी वर्दी पहननी होगी, जबकि महिला कर्मचारियों के लिए सफेद वर्दी के साथ ग्रे दुपट्टा अनिवार्य किया गया है। कर्मचारी अपने रैंक के अनुसार अलग-अलग रंग की पहचान पत्र धारक पहनेंगे। उदाहरण के लिए, पहले रैंक वाले कर्मचारियों के लिए बिना रंग का होल्डर, दूसरे रैंक के लिए नीला, तीसरे रैंक के लिए पीला, और चौथे रैंक के लिए हरा रंग तय किया गया है।

नए ड्रेस कोड का यह नियम पीएसपीसीएल में कार्यरत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान और अनुशासन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सभी कर्मचारियों को अपने गले में पहचान पत्र लटकाए रखना होगा, और यह भी नोट किया गया है कि जो कर्मचारी इन नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की कार्रवाई की जाएगी।

इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य कार्य वातावरण में एक सकारात्मक बदलाव लाना और समानता की भावना को बढ़ावा देना है। विभाग की इस पहल के धारणात्मक प्रभाव को देखकर कहा जा सकता है कि यह एक अच्छी शुरुआत है, जो न केवल कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाएगी, बल्कि कार्यालय की परंपरा और प्रगति को भी प्रदर्शित करेगी। पीएसपीसीएल की यह नई नीति निश्चित रूप से कार्यस्थल के शिष्टाचार में सुधार लाने में सहायक सिद्ध होगी।