अमृतसर में पुलिस हिरासत में युवक की रहस्यमयी मौत, थानेदार की लापरवाही से उठा सवाल

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पंजाब के अमृतसर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में थाना घरिंडा के अंतर्गत स्थित चौकी खासा में एक युवक की संदिग्ध हालात में मौत हो गई है। पुलिस के अनुसार, मृतक युवक ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मारी, जबकि उसके परिवार का कहना है कि यह आत्महत्या नहीं हो सकती। मामले की गहन जांच की जा रही है, जिसमें घटनास्थल के सभी तथ्यों को उजागर करने का प्रयास किया जाएगा। डीएसपी लखविंदर सिंह कलेर ने बताया कि इस मामले की जांच अभी जारी है और वे सटीक जानकारी प्रदान करेंगे।

मृतक की पहचान मनजीत सिंह के रूप में हुई है, जो विशेष रूप से गांव खासा का निवासी था और एक हेल्थ क्लब का मालिक था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मनजीत को किसी मुखबिर की सूचना पर हिरासत में लिया गया था। पुलिस का कहना है कि हिरासत के दौरान उनकी तलाशी नहीं ली गई, जिसके चलते उन्होंने खुद को गोली मारी। हालांकि, इस दावे पर मृतक के परिवार ने कड़ी आपत्ति जताई है। परिवार के लोग जानबूझकर मनजीत के खिलाफ साजिश होने का आरोप पुलिस पर लगा रहे हैं।

परिवार का कहना है कि मनजीत सिंह सदैव युवाओं को नशे से दूर रखने और सिख धर्म के प्रती अपनी जिम्मेदारियों को समझाने में सक्रिय रहा। उन्होंने मांग की है कि चौकी खासा के उन पुलिस अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए, जिन्होंने यह गंभीर लापरवाही की। परिजनों का आरोप है कि मनजीत को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था और कुछ घंटों बाद यह गंभीर घटना घटित हुई।

सूत्रों के अनुसार, चौकी खासा का पुलिस अधिकारी जसविंदर सिंह ने मनजीत को संदेह के आधार पर पकड़ा था। घटना के बाद मृतक के परिवार वाले और स्थानीय लोग थाना घरिंडा की ओर बढ़कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हालात को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने मामले को सुलझाने के लिए राजीनामा कराने का भी प्रयास किया, लेकिन स्थानीय लोग इसे अपने परिवार के सदस्यों के प्रति न्याय से समझौता मानते हैं।

इस घटना ने पूरे क्षेत्र में एक बार फिर से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। समाज के विभिन्न वर्गों का कहना है कि सुरक्षा के धंधे में तंत्र और समुदाय का समर्पण होना चाहिए। इसका ताजा उदाहरण यह है कि किस प्रकार से न्याय की खोज में परिवार को ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है। अब परिस्थिति यह है कि पूरी समुदाय की निगाहें जांच पर टिकी हुई हैं और हर कोई चाहता है कि इस गंभीर मामले में पारदर्शिता बरती जाए।