अमृतसर निगम चुनाव: प्रचार रुकते ही जोड़तोड़, मंत्री-विधायकों की नाराजगी और बागियों की चुनौती!

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पंजाब में 21 दिसंबर को होने वाले नगर निगम चुनाव के लिए प्रचार का दौर अब समाप्त हो चुका है। अब चुनावी गतिविधियों में ठहराव आ गया है, और इसके साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच चुनावी जोड़तोड़ का अंतिम दौर शुरू हो गया है। पिछले एक हफ्ते में आम आदमी पार्टी को मंत्रियों और विधायकों के बीच बढ़ती दूरी ने मुश्किल में डाल दिया है, जबकि बागी प्रत्याशी अपने-अपने इलाकों में वोटिंग प्रक्रिया को प्रभावित करने में जुटे हुए हैं। इन चुनावों में मतदान की प्रक्रिया सुबह 7 बजे शुरू होकर शाम 4 बजे तक चलेगी। परिणामों की घोषणा भी जल्द ही एक घंटे के भीतर होने की संभावना है।

चुनाव प्रचार खत्म होते ही अब उम्मीदवार नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने और बागी प्रत्याशियों के प्रभाव को कम करने की कोशिश करेंगे। पंजाब के सत्ताधारी दल ने मेयर पद पर खुद को काबिज करने का दावा किया है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने पांच बड़े वादे किए हैं और मुख्यमंत्री भगवंत मान भी रोड शो कर चुके हैं, लेकिन मंत्रियों और विधायकों के बीच की दूरी ने स्थिति को जटिल कर दिया है।

विधानसभा के पूर्व मेयर करमजीत सिंह रिंटू के लिए वार्ड 10 एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है। उन्हें पार्टी ने विशाखा सिंह को टिकट देकर आगे बढ़ाया है, लेकिन इस वार्ड में अनिल शर्मा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं, जिसके पोस्टरों पर आम आदमी पार्टी के विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह की तस्वीरें प्रदर्शित हैं। इसके अलावा, पार्टी के कई उम्मीदवारों ने मंत्रियों की तस्वीरें अपने प्रचार में शामिल की हैं, लेकिन स्थानीय विधायकों की तस्वीरें गायब हैं। इस तरह के बागी प्रत्याशी चुनाव को कठिन बना रहे हैं और उनकी उपस्थिति जीत की संभावनाओं पर भारी पड़ सकती है।

वहीं, वार्ड 64 में आम आदमी पार्टी के प्रदेश मीडिया संयोजक गुरभेज सिंह संधू और कांग्रेस छोड़कर आए नीतू टांगरी के बीच मुख्य मुकाबला है। टांगरी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं, किन्तु उनकी प्रचार सामग्री पर कांग्रेस के पूर्व उपमुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी की तस्वीरें शामिल हैं। इस वार्ड में कोई अकाली उम्मीदवार मौजूद नहीं है, जिससे चुनाव की स्थिति और भी रोचक हो गई है।

अंत में, वार्ड 28 में कांग्रेस के टिकट पर मिट्‌ठू मदान और आम आदमी पार्टी के जीत भाटिया के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। भाटिया का संबंध कांग्रेस से रहा है, जिससे वह आम आदमी पार्टी के वोट को अपने पक्ष में करने के साथ-साथ कांग्रेस के वोट को भी काटने का प्रयास कर रहे हैं। इन सभी चुनौतियों के बीच, पंजाब के नगर निगम चुनाव परिणामों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक हो गया है, जिसे लेकर राजनीतिक दल पहले से ही अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं।