अमृतसर में नगर निगम चुनाव की तैयारियों के दौरान एक दिलचस्प घटनाक्रम देखने को मिला है। कांग्रेस कार्यकर्ता महक राजपूत ने वार्ड नंबर 38 से अपने पालतू कुत्ते “जिम्मी” को आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव में उतारने का निर्णय लिया है। महक आज अपने कुत्ते के साथ एसडीएम-1 कार्यालय में नामांकन दाखिल करने पहुंचीं। उन्होंने बताया कि अगर प्रशासन उनके कुत्ते का नामांकन स्वीकार नहीं करता है, तो वह स्वयं निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही हैं। महक ने पिछले 20 वर्षों से कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े रहने की बात कही और कहा कि इस बार पार्टी ने उनके स्थान पर किसी और को टिकट दिया, जिससे वह काफी नाराज हैं।
महक राजपूत ने स्पष्ट किया कि जिम्मी उनके लिए केवल एक पालतू जानवर नहीं, बल्कि वफादारी और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। वह चाहती हैं कि जिम्मी उनके वार्ड में उनकी उम्मीदों पर खरा उतरे। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए जिम्मी के प्रचार के लिए पोस्ट भी साझा किए हैं, ताकि उनकी मंशा लोगों तक पहुंच सके। महक ने कहा कि इस निर्णय का महत्त्व उनकी व्यक्तिगत भावनाओं और वार्ड के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दर्शाता है।
महक ने आगे बताया कि उन्हें आशा थी कि कांग्रेस पार्टी उन्हें टिकट देगी, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ, तो उनकी उम्मीदें टूट गईं। पार्टी द्वारा किसी और को उम्मीदवार बनाए जाने से वह निराश हैं। महक ने यह भी कहा कि उन्हें पूरी तरह से पता है कि चुनाव प्रक्रिया में जानवरों का नामांकन स्वीकार नहीं किया जाता है। बावजूद इसके, वह चाहती हैं कि प्रशासन जिम्मी का नामांकन स्वीकार करे।
इस फैसले को लेकर महक ने दावा किया कि यह सिर्फ एक मजाक नहीं है, बल्कि यह उनकी नाराजगी और पार्टी के प्रति उनकी वफादारी का प्रतीक है। महक का यह कदम न केवल उनके निजी भावनाओं को दर्शाता है, बल्कि यह कांग्रेस पार्टी से उनके संबंधों के बारे में भी बताता है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन उनके कुत्ते को नामांकित करने से मना करता है, तो वह स्वयं निर्दलीय उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़ने का फैसला करेंगी।
महक राजपूत का यह कदम निस्संदेह समाज में चर्चा का विषय बन गया है। यह न केवल राजनीति में नए दृष्टिकोण को दर्शाता है, बल्कि एक मजेदार और अनोखे तरीके से चुनावों में भागीदारी की एक मिसाल भी कायम करता है। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस अनोखे नामांकन को कैसे स्वीकार करता है और क्या महक का यह कदम उनके वार्ड और समूची राजनीति की दिशा में कुछ नया बदलाव लाएगा।