फतेहाबाद :दूसरे धर्म का सम्मान करें लेकिन अपने धर्म से विमुख न हो :दादूवाल
फतेहाबाद, 24 दिसंबर (हि.स.)। अपने बच्चों को गुरुघर से जोडऩे का काम करें उन्हें सिख इतिहास के बारे में बताएं ताकि वो भी गुरु गोबिंद सिंह के बच्चों की तरह से निडर बने और धर्म से कभी न डोलें। यह बात जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने कही। वो जगजीवनपुरा स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में गुरु गोबिंद सिह के साहिबजादों की शहादत को समर्पित सफर-ए-शहादत समागम के संपूर्णता अवसर पर उपस्थित संगत को गुरुओं के इतिहास के बारे में बता रहे थे। उनके अलावा सुखचैन सिंह ढाडी जत्थे ने ढाडी वारों और स्थानीय भाई देवेंद्र सिंह रागी जत्थे ने शब्द कीर्तन के माध्यम से जहां साहिबजादों की शहादत के बारे में बताया।
दादूवाल ने कहा कि जिस तरह गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों ने कहा था कि सिर जावे या जावे साढ़ा सिखी सिद्धक ना जावे, इसी तरह हमारे बच्चे भी अपने देश और धर्म के लिए अपने आपको कुर्बान करने वाले बने ताकि जरुरत पडऩे पर वो मजलूमों की सहायता कर सकें। उन्होंने कहा कि हमने दूसरे धर्मों के धर्म स्थानों का सम्मान करना है लेकिन अपने धर्म से विमुख नहीं होना, क्योंकि आजकल कुछ धर्मगुरु अपने लोगों को प्रलोभन देकर अपने धर्म के साथ जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि सतगुरु ने हम सबको कहा है कि नानक नाम चढदी कलां तेरे भाने सरबत दा भला अर्थात हम सब का भला मांगते है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि पहले हरियाणा के गुरुद्वारों का प्रबंधन पंजाब की शिरोमणी कमेटी के पास था लेकिन अब हरियाणा की अलग कमेटी बन गई है जिसके तहत गुरुघरों में आयोजन करवाए जा रहे हैं।