पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित बख्शीवाल पुलिस चौकी पर हाल ही में एक आतंकी हमले की खबर आई है। यह हमला देर रात हुआ, जब कुछ आतंकियों ने एक ऑटो से हैंड ग्रेनेड फेंका। जिस चौकी पर यह विस्फोट किया गया है, वह कलानौर कस्बे में स्थित है और इसे एक महीने पहले ही बंद कर दिया गया था। हमले के तुरंत बाद, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और बम निरोधक दल एवं फोरेंसिक विशेषज्ञों को भी बुलाया गया। उनकी टीम ने घटनास्थल से सैंपल इकट्ठा किया, जिससे मामले की जांच शुरू की जा सकी।
खालिस्तानी आतंकी संगठन ‘खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स’ (KZF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर इस हमले की पुष्टि की और कहा कि इसे जत्थेदार भाई रणजीत सिंह जम्मू की अगुवाई में अंजाम दिया गया। KZF ने अपने बयान में यह भी उल्लेख किया कि यह हमला उन अधिकारियों और युवाओं के खिलाफ किया गया है, जो पंजाब के युवाओं का शोषण कर रहे हैं। संगठन ने स्पष्ट किया है कि वे पंजाब को बर्बाद करने की कोशिशों को सफल नहीं होने देंगे।
हाल के दिनों में, पंजाब में आतंकी गतिविधियों में तेजी आई है। पिछले 26 दिनों में यह पंजाब में सातवां हमला है। इनमें से छह हमले सफल रहे हैं जबकि एक बम अजनाला थाने से बरामद किया गया था। विभिन्न तारीखों में हुए इन हमलों में आतंकियों ने ग्रेनेड का इस्तेमाल किया और इनमें से कई घटनाएं बंद पुलिस चौकियों में भी हुई हैं। इस संदर्भ में, KZF के वारदातों के पीछे विदेशी आतंकियों का हाथ होने का आरोप लगाया गया है, जो देश के भीतर आतंकित करने के उद्देश्य से सक्रिय हैं।
हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा पंजाब पुलिस को एक रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें कहा गया है कि पंजाब में आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है। यह रिपोर्ट विशेष रूप से उन हमलों पर केंद्रित है जो पुलिस थानों को निशाना बनाएंगे। पिछले कुछ समय में पहले भी पंजाब के पुलिस स्टेशनों पर ग्रेनेड और आईईडी हमले हो चुके हैं, जो चिंता का विषय है। ऐसे में सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
पंजाब में बढ़ती आतंकी घटनाएं और NIA की चेतावनी, दोनों ही इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को अब और सतर्क रहने की जरूरत है ताकि भविष्य में होने वाली ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। इस समय समाज में असुरक्षा का भाव व्याप्त है और सभी की दृष्टी इस ओर है कि किस प्रकार से इन चुनौतियों का सामना किया जाएगा।