चंडीगढ़ में स्थित एक इमिग्रेशन कंपनी के खिलाफ फाजिल्का के निवासी असीम जयिया ने 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। असीम ने आरोप लगाया है कि कंपनी के मालिक नीरज भल्ला और अन्य कर्मचारियों ने उन्हें इंग्लैंड का वीजा दिलाने का आश्वासन दिया और इसके लिए उनसे भारी रकम वसूल की, लेकिन वीजा प्रक्रिया को पूरा किए बिना ही उन्होंने उनका संपर्क काट दिया। यह मामला तब प्रकाश में आया जब असीम ने पुलिस के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने इस धोखाधड़ी के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
शिकायत के अनुसार, असीम इंग्लैंड जाने की योजना बना रहे थे। इसी दौरान उन्हें चंडीगढ़ के सेक्टर 22 में स्थित एससीओ नंबर 2433/34 पर एक इमिग्रेशन कंपनी की जानकारी मिली। असीम ने बताया कि कंपनी के नीरज भल्ला और उनके सहकर्मियों ने उन्हें वीजा प्रक्रिया के बारे में समझाया और इसके लिए कम से कम 25 लाख रुपये की राशि वसूल की। इसके अतिरिक्त, उन्हें आवश्यक दस्तावेज भी जमा करने के लिए कहा गया। हालांकि, वीजा उससे संबंधित कोई भी कार्यवाही समय पर नहीं की गई।
असीम जयिया ने बार-बार कंपनी के कार्यालय में जाकर संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन हर बार उन्हें टालमटोल का सामना करना पड़ा। कंपनी के कर्मचारियों ने उन्हें अपनी बातों से भ्रमित किया और आखिरकार उनका फोन उठाना भी बंद कर दिया। यह स्थिति असीम के लिए अत्यंत निराशाजनक रही, क्योंकि वह अपनी विदेश यात्रा को लेकर काफी उत्सुक थे और उनके साथ हुई धोखाधड़ी ने उनकी योजनाओं को बुरी तरह प्रभावित किया।
असीम की शिकायत पर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सेक्टर 17 थाना में एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने नीरज भल्ला और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 409 तथा 420 के साथ ही इमिग्रेशन एक्ट की धारा 24 के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में उचित जांच की जा रही है और दोषियों को सजा दिलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
इस घटना ने चंडीगढ़ के इमिग्रेशन उद्योग में धोखाधड़ी के मामलों को एक बार फिर उजागर किया है। कई बार ऐसा होता है कि लोगों को विदेश जाने के सपने को पूरा करने के लिए धोखेबाज़ कंपनियों के हाथों शिकार होना पड़ता है। असीम जयिया का मामला इस बात का उदाहरण है कि कैसे जन जागरूकता और सतर्कता आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों से बचा जा सके। पुलिस अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी है कि वे किसी भी कंपनी से पैसे देने से पहले उनकी विश्वसनीयता की जाँच अवश्य करें।