अनूपपुर: कलेक्टर- छग के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी को चुनाव में मिली थी करारी शिकस्त

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अनूपपुर, 3 अप्रैल (हि.स.)। लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के लिए चुनावी सरगर्मियां चरम पर हैं। बड़े नेताओं के दौरे और सभाएं हो रही हैं। चिलचिलाती धूप में जनप्रतिनिधि गांव-शहर एक किए हैं। मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में शहडोल लोकसभा का मतदान प्रथम चरण में 19 अप्रैल को है। यहां शुरू से मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहा है। शहडोल ने जहां कई बड़े आदिवासी नेता दिए हैं। वहीं कई दिग्गजों को यहां से हार का सामना भी करना पड़ा है। ऐसा ही एक नाम है स्व. अजीत जोगी का।

वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश से अलग हुए छत्तीसगढ़ राज्य के पहले मुख्यमंत्री और बड़े आदिवासी नेता रहे स्व. अजीत जोगी भी शहडोल लोकसभा सीट से चुनाव हार का स्वाद चख चुके हैं। जोगी 1976 से 78 के बीच शहडोल जिले के कलेक्टर रहे हैं। उस समय अनूपपुर व उमरिया अलग जिला नहीं बना था। शहडोल संसदीय क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा शहडोल जिले के अंतर्गत ही आता था। कलेक्टर रहते हुए उन्होंने आदिवासियों के बीच काफी काम किया था। आदिवासियों के बीच अच्छी अच्छी पैठ थी। यही कारण है कि राजनीति में आने के बाद वर्ष 1999 में हुए मध्यावधि चुनाव में शहडोल संसदीय सीट को चुना जिसे मतदाताओं ने नकार दिया था।

पार्टी में करना पड़ा विरोध का सामना

अजीत जोगी की हार के पीछे पार्टी के कांग्रेस के भीतर विरोध प्रमुख कारण रहा है। अजीत जोगी को कांग्रेस ने उस समय के दिग्गज नेता दलबीर सिंह का टिकट काटकर मैदान में उतारा गया था। इसको लेकर दलबीर सिंह खेमे में नाराजगी थी। दलबीर सिंह गुट का चुनाव में ज्यादा सहयोग नहीं किया। इसके अलावा अजीत जोगी पर पैराशूट उम्मीदवार (बाहरी) का टैग भी लगा था। इसके लिए एक नारा भी काफी चला था। देश में विदेशी, जिले में परदेशी नहीं चलेगा। कांग्रेस संगठन में आपसी फूट और बाहरी होना उनके हार की प्रमुख वजह रही। इसके साथ ही जोगी कमांडो का दल ग्रमीणों से मारपीट से बदनाम हुआ था। हालांकि प्रशासनिक सेवा से राजनीति में आए अजीत जोगी का राजनीतिक सिक्का काफी बुलंद था। वर्ष 2000 में जब मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया गया तो अजीत जोगी के सिर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री का ताज सजा।

वर्ष 1999 का चुनाव परिणाम-: दलपत सिंह परस्ते भाजपा 262229 मत, अजीत जोगी कांग्रेस 242328 मत, जुगलाल कोल बसपा 62224 मत, लालाराम बैगा सपा 8757 मत, जगतदेव सिंह निर्दलीय 4015 मत, महावीर बैगा निर्दलीय 2171 मत, राम सहाय निर्दलीय 1620 मत एवं श्याम सिंह निर्दलीय 472 मत मिले थे।