धार: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपित को 20 साल सश्रम कारावास की सजा

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धार, 3 अप्रैल 2024 (हि.स.)।थाना धामनोद के चिन्हित/सनसनीखेज मामले में दुष्कर्म के आरोपित को विशेष न्यायाधीश पास्को अधिनियम धरमपुरी न्यायालय द्वारा 20 साल का सश्रम कारवास व 4 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।

जानकारी के लिए बता दें कि मामला 15 मार्च 23 को आरोपित भादर उर्फ बहादुर निवासी चिकटयावड एक नाबालिक लड़की को शादी का झांसा देकर बहला फुसलाकर भगा कर ले गया, जिस पर से थाना धामनोद में आरोपी के विरुद्ध धारा 363,366,376 भादवि 3/4, 5/6 पॉक्सो अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की विवेचना के दौरान पुलिस थाना धामनोद द्वारा नाबालिक अभियोक्त्री को दिनांक 18 /5/23 को आरोपी भादर के कब्जे से दस्तयाब किया गया। नाबालिग लड़की/अभियोक्त्री द्वारा स्वयं के साथ जबरदस्ती गलत काम/ दुष्कर्म की बात बताने पर आरोपित और अभियोक्त्री का मेडिकल परीक्षण कराया गया। जिसमें FSL,DNA रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हुई।

नाबालिग से दुष्कर्म की घटना को गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक धार श्री मनोज कुमार सिंह द्वारा प्रकरण को चिन्हित, जघन्य एवं सनसनीखेज की श्रेणी में रखा गया था। प्रकरण की विवेचना एस.डी.ओ.पी. धामनोद श्रीमति मोनिका सिंह के मार्गदर्शन में तत्कालीन थाना प्रभारी धामनोद निरीक्षक समीर पाटीदार, उनि अश्विन चौहान द्वारा की जाकर FSL,DNA से प्राप्त मजबूत साक्ष्य एकत्रित कर चालन विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम धरमपुरी, श्री कपिल वर्मा की कोर्ट मे पेश किया गया, जिन्होने अभियोक्त्री, महिला डॉक्टर व अन्य अभियोजन साक्षियों के कथनों पर विश्वास करते हुए आरोपित भादर उर्फ बहादुर को उक्त प्रकरण में दोषी मानते हुए 20 वर्ष का सश्रम करावास और 4000 रुपए के अर्थदंड से दण्डित किया गया। शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक धर्मराज मिमरोट द्वारा की गई।