ऑयल इंडिया अबू धाबी में 28 को वैश्विक साझेदार रोड शो का करेगी आयोजन

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नई दिल्ली, 26 फरवरी (हि.स.)। देश की सबसे पुरानी तेल अन्वेषण और उत्पादन कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) 28 फरवरी को अबू धाबी में एक वैश्विक साझेदार रोड शो का आयोजन करने जा रही है। इस कार्यक्रम के आयोजन का मकसद तेजी से बढ़ोतरी और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी के लिए ओआईएल की प्रतिबद्धता को दिखाना है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में बताया कि ओआईएल 28 फरवरी को अबू धाबी में एक वैश्विक साझेदार रोड शो का आयोजन करने जा रही है। ये कार्यक्रम त्वरित वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय सहभागिता को लेकर ओआईएल की प्रतिबद्धता को दिखाती है। मंत्रालय के मुताबिक कंपनी ने महत्वाकांक्षी उत्पादन लक्ष्यों को वित्त वर्ष 2026-27 तक 4 एमएमटी तेल और 5 बीसीएम गैस के वार्षिक उत्पादन को लेकर दृढ़ है।

इसके अलावा साल 2030 तक 1200 करोड़ अमरीकी डॉलर का राजस्व उत्पन्न करने के लक्ष्य के साथ कंपनी ने विभिन्न गतिविधियों-अन्वेषण प्रयासों को बढ़ाना, क्षेत्र विकास को बढ़ाना और उत्पादन में तेजी लाना में 480 करोड़ बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की योजना बनाई है। इसके अतिरिक्त, ओआईएल अपतटीय भारतीय क्षेत्रों में आक्रामक रूप से अपना विस्तार करने के लिए तैयार है।

मंत्रालय के मुताबिक इस रोड शो की मेजबानी ओआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, निदेशक (परिचालन) सहित ओआईएल के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। यह आयोजन आगामी एक से पांच वर्षों के लिए ओआईएल की विस्तृत खरीद रणनीतियों की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करेगा, जो भागीदारों के शामिल होने, विचार करने और भागीदार ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करेगा। यह आयोजन ऊर्जा उद्योग में नए व्यावसायिक अवसरों को तलाशने के लिए अपने भागीदारों के साथ मजबूत संबंध बनाने पर ओआईएल की प्राथमिकता को रेखांकित करता है। इस कार्यक्रम में ऊर्जा सेवा उद्योग से 50 से अधिक अग्रणी कंपनियों को आकर्षित करने का अनुमान है।

पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक यह आयोजन कंपनी के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी, जो संभावित रूप से वैश्विक ऊर्जा सहयोग के परिदृश्य को रूपांतरित करेगी। इसके अलावा यह वैश्विक स्तर पर सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से नए उद्योग मानक स्थापित करने के लक्ष्य के साथ ओआईएल का लक्ष्य नवाचार, स्थिरता और रणनीतिक गठबंधनों को आगे बढ़ाने पर केंद्रित होगा।