सोनभद्र में ऐतिहासिक पावन खिंड दौड़ का विशाल आयोजन

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– जय भवानी – जय शिवाजी के नारों से गूंज उठा सोनांचल

– कुल 11 केंद्रों पर 12 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों ने लिया दौड़ में भाग

सोनभद्र 16 नवम्बर (हि.स.)। सोनांचल के 12 हजार से ज्यादा छात्र छात्राओं ने छत्रपति शिवाजी के बलिदानी सैनिकों की स्मृति में ऐतिहासिक पावन खिंड दौड़ में प्रतिभाग किया । क्रीड़ा भारती और शहीद उद्यान ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस दौड़ में कुल पांच हजार प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।

क्रीड़ा भारती के प्रांत अध्यक्ष पंकज श्रीवास्तव व शहीद उद्यान ट्रस्ट के चेयरमैन विजय शंकर चतुर्वेदी ने संयुक्त बयान जारी कर सभी उपनगरों के संयोजकों और आयोजकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि जनपद सोनभद्र ने पूरे देश को संदेश दिया है कि वह विदेशी मैराथन दौड़ का परित्याग कर देश के अस्मिता और स्वाभिमान से जुड़ी पावन खिंड दौड़ को अपनाएगा।

आयोजक समिति के सदस्य भोलानाथ मिश्र ने कहा कि यह वर्ष शिवाजी द्वारा हिंदवी स्वराज की स्थापना के 350 वें वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, ऐसे में उनसे जुड़े आयोजन और भी प्रासंगिक हो गए हैं।

राबर्ट्सगंज में श्री एकेडमी, अनपरा में भगवान अवधूतराम महाविद्यालय व सेंट फ्रांसिस स्कूल , दुद्धी में सोनांचल इंटर कालेज, रेणुकूट में ग्रीनलैंड स्कूल व जगतनारायण शुक्ल इंटर कालेज , डाला में आदित्य बिड़ला इंटर कालेज , चोपन में एस एन जी कालेज और सलखन में लोकनाथ इंटर कालेज को केंद्र बनाया गया है।

दुद्धी में इस दौड़ को लेकर इतना उत्साह रहा कि विद्यार्थियों के साथ नागरिकगण भी दौड़ते रहे , नगर पंचायत चेयरमैन कमलेश मोहन द्वारा हरी झंडी दिखाने के बाद सड़कों पर जन सैलाब उमड़ पड़ा । राबर्ट्सगंज में दो से तीन साल के बच्चे आकर्षण का केंद्र रहे जिन्होंने तोतली आवाज में मराठा शैली में छत्रपति शिवाजी के जयघोष के नारे लगाए। माई छोटा स्कूल की संचालिका रागिनी विशेष द्वारा इन बच्चों को प्रशिक्षित किया गया था। दौड़ प्रारंभ के पूर्व प्रत्येक केंद्रों पर पावन खिंड दौड़ के ध्येय गीत बजाए गए । सोनभद्र की सांस्कृतिक विशिष्टता और पावन खिंड के शौर्य वीरता को प्रकट करते गीत को रागिनी मिश्रा और अभिषेक मिश्रा ने स्वर दिया है।

सभी आयोजकों को विशेष रूप से बनवाए गए स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्रम प्रदान किए गए, अंगवस्त्रम को वाराणसी के कुशल कारीगरों द्वारा तैयार कराया गया है, जिन्होंने बहुत ही आकर्षक ढंग से जय भवानी – जय शिवाजी की कढ़ाई की है।